बेशुमार धन-दौलत पाने की है चाह, तो यह कहानी करेगी आपका मार्गदर्शन

Friday, Nov 27, 2015 - 10:37 AM (IST)

रूस में एक किसान था, जिसके पास एक छोटा-सा प्लाट था। उसकी जिंदगी बड़ी शांति एवं संतोष से कट रही थी। एक दिन उसे अपनी पत्नी के अमीर जमींदार भाई से ईर्ष्या हो गई। उसने देखा कि उसका साला जमीन पर जमीन खरीदे जा रहा था। जमीन खरीदकर वह उसे किराए पर दे देता। जैसे-जैसे वह अमीर होता गया, किसान में भी अमीर बनने की इच्छा और बलवती होती गई। उसने पैसे बचाने शुरू कर दिए ताकि कोई जमीन खरीद सके। 

जब किसान के पास काफी पैसे जमा हो गए तो उसने जमीन ढूंढनी शुरू कर दी। उसने सुना कि पास के इलाके में कोई सस्ती जमीन है। वह जमीन देखने पहुंचा तो पाया कि उस जगह रहने वाले लोग खानाबदोश थे। इलाके के मुखिया के लिए किसान ने कुछ उपहार खरीदे। 

मुखिया ने उपहारों के लिए उसका धन्यवाद किया और कहा कि वह पैदल चलकर जितनी भी जमीन सूर्यास्त से पहले नाप लेगा, उतनी जमीन ले सकता है। किसान इस बात से फूला नहीं समाया। उसने बहुत तेज चाल से चलना शुरू किया ताकि वह ज्यादा जमीन नाप सके। किसान भोजन-पानी के लिए रुककर समय बर्बाद नहीं करना चाहता था ताकि वह थोड़ी और जमीन पाने का मौका न गंवा दे। उसके पैर थक गए पर उसने कुछ क्षणों के लिए भी आराम करने से मना कर दिया। अंत में सूर्य अस्त होने वाला था। भीड़ ने उसकी विजय के लिए तालियां बजानी शुरू कर दीं। जैसे ही वह शुरू के स्थान पर पहुंचा, प्यास और थकान से इतना कमजोर हो चुका था कि वहीं गिर पड़ा। 

टॉलस्टॉय की लिखी यह दुख भरी कहानी पृथ्वी पर रहने वाले अनेक लोगों के जीवन से बहुत अलग नहीं है। अधिकतर लोग अपना जीवन एक दौड़ में ही गुजार देते हैं ताकि जितना संभव हो उतने पैसे कमा सकें, जितना संभव हो उतनी जमीन-जायदाद कमा सकें, नाम-प्रसिद्धि या सत्ता कमा सकें, पर वे पाते हैं कि यह दौड़ उनकी मृत्यु के साथ ही खत्म हो जाती है।

लोग सोचते हैं कि एक समय आएगा जब उनके पास इतना होगा कि वे आराम से बैठकर, अपनी मेहनत के फल का आनंद ले सकेंगे। पर अधिकतर लोग वह शांति पाने से पहले, इस संसार से चल बसते हैं। यह संसार एक दौड़ जैसा है।  

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