अद्भुत शक्तियों के मालिक होते हैं कुछ ऐसे, आप भी बन सकते हैं

Wednesday, Feb 03, 2016 - 08:29 AM (IST)

यदि परमात्मा अपनी सृष्टि की प्रत्येक वस्तु को एक समान बनाता तो उसमें सौंदर्य न होता। विभिन्नता के रूप में परमात्मा ने अपनी समूची सृष्टि पर विशेष कृपा की है। किसी व्यक्ति ने मजाक में कहा है, ‘‘दुनिया को बनाते समय भगवान का हाल कुछ ऐसा हुआ होगा, जैसे रोटी बनाते हुए महिलाओं का होता है। जब भगवान ने पहली रोटी बनाई तो थोड़ी कच्ची रह गई। कच्ची रोटी बनने का मतलब यूरोप के रहने वाले लोग हैं। भगवान इसमें थोड़ा अच्छा रंग नहीं दे पाए। जब वे दोबारा रोटी बनाने लगे तो वह जल गई और अफ्रीका के लोग बन गए। इस पर भगवान ने सोचा कि अब रोटी बिल्कुल सही बननी चाहिए। ऐसे में वह सही रोटी बनी। इस बार हिन्दुस्तान के लोग बने-न ज्यादा काले, न ज्यादा सफेद, न बहुत छोटे और न बहुत लम्बे।’’
 
हम लोग व्यंग्य-विनोद करते हुए इस तरह की बातें कह देते हैं लेकिन परमात्मा ने कहीं भेद नहीं किया। जिसे भी जहां आप देखें, परमात्मा ने सब पर अपनी कृपा की है। परमात्मा ने हर व्यक्ति को एक अलग की तरह आवाज और शरीर में एक खास तरह की गंध दी है। इसके साथ ही प्रत्येक मनुष्य के हाथों की उंगलियों के निशान भी अलग-अलग हैं। यहां इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि ईश्वर ने इंसान को अत्यंत विविधता से बनाया है। उसने इंसान को कितना अनुपम रूप दिया, कितना अनोखा ढंग दिया और बिल्कुल अलग बनाया।
 

हर आदमी को सोचना चाहिए कि वह दुनिया में साधारण नहीं है। आपको परमात्मा ने अद्भुत शक्तियां दी हैं। एक दायरे में घूमते-घूमते अपनी जिंदगी खत्म कर देना समझदारी नहीं है। अपनी पहचान कायम करनी है। इसके लिए जरूरी है कि अपने को जानने का प्रयास करो। शरीर आपकी पहचान जरूर है। आपका एक नाम है परन्तु अलग-अलग रिश्ते से आपको नाम दिए गए हैं। कोई पिता कह रहा है, कोई भाई कह रहा है, कोई चाचा तो कोई मामा कह रहा है लेकिन यह भी आपकी पहचान नहीं है। सब चेतन स्वरूप हैं, एक आत्मा के रूप में हैं और अपनी चेतना से हमें इस संसार के मायाजाल से ऊपर उठने का प्रयास करना है।  

Advertising