तलाक: भविष्य के लिए सुखद होगा या नहीं

Tuesday, Aug 04, 2015 - 04:33 PM (IST)

काफी ढूंढ़ने पर भी शायद ही आपको कोई ऐसा जोड़ा दिखेगा जिनके बीच में कभी न कभी नोंकझोंक या अनबन न हुई हो। हालांकि ये नोंकझोंक सामान्य हैं, लेकिन इन पर ध्यान देना ज़रूरी है। अक्सर ये वो चिंगारियां होती हैं, जिन्हे नजर अंदाज किया जाये तो आगे चलकर रिश्तों में आग का रूप भी ले सकती हैं।

शादी के बंधन में बंधने के बाद पति और पत्नी दोनों का आजीवन साथ निभाने का योग बनता है। दांपत्य जीवन में बहुत बार ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं की पति और पत्नि चाह कर भी एक छत के नीचे जीवन निर्वाह नहीं कर पाते। 

भारतीय समाज में विवाह सामाजिक बंधन है जिसे पूर्ण निष्ठा से निभाया जाता है लेकिन कई बार परिस्थितियां ऐसा रूख लेती हैं की न चाहते हुए भी इस रिश्ते से अलग होना पड़ता है। अपने जीवन का यह महत्वपूर्ण फैसला आप जल्दबाज़ी में न करें। पहले इस बारे में अच्छी तरह सोच-विचार करें। यह अवश्यक नहीं है कि तलाक के उपरांत आपके जीवन में छाए दुखों के काले बादल अलोप हो जाएंगे। इसके विपरित तलाक से एक समस्या तो हल हो जाती है लेकिन उसकी जगह एक नई समस्याएं खड़ी हो जाती है। 

जो दंपति तलाक का निर्णय लेते हैं वे सोचते हैं कि एक दूसरे से अलग होकर सभी समस्याएं हल हो जाएंगी, रोज़-रोज़ के झगड़ों से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा  और ज़िंदगी में चैन-सुकून होगा। लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाता यह उतना ही नामुमकिन होता है जितना नामुमकिन एक ऐसी शादीशुदा ज़िंदगी जीना जिसमें खुशियां ही खुशियां हों इसलिए यह जानना ज़रूरी है कि तलाक लेने के क्या-क्या नतीजे हो सकते हैं और उन्हें ध्यान में रखकर फैसला लेना आपके भविष्य के लिए सुखद होगा या नहीं।

झगड़े की वजहें कई हो सकती हैं लेकिन परिणाम तलाक हो सकता है। झगड़ा करने के बजाय असहमति वाले मुद्दों पर बात करें इससे रास्ता निकलेगा। 

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