अब बस्ते के बोझ तले नहीं दबेगा बचपन, ये है योजना

Wednesday, Sep 04, 2019 - 04:52 PM (IST)

जयपुर: राजस्थान के शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बुधवार को राजकीय विद्यालयों में बच्चों के बस्ते का बोझ कम करने के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत जयपुर से की। डोटासरा ने बुधवार को इस संबंध में वाटिका के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में बताया कि पाठ्यपुस्तकों का दो- तिहाई वजन कम किया गया है। अब बच्चों को वर्तमान पुस्तकों के एक तिहाई भार के रूप में अलग- अलग पुस्तकों के स्थान पर एक ही पुस्तक स्कूल लेकर जानी होगी। 

उन्होंने कहा कि राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां बस्ते के बोझ को कम करने के लिए यह पहल की गई है। उन्होंने बताया कि कक्षा एक के विद्यार्थियों की पुरानी किताबों का वजन 900 ग्राम था जो अब 400 ग्राम किया गया है। इस प्रकार कक्षा एक से पांच तक की किताबों के वजन को पांच किलो 900 ग्राम से घटाकर दो किलो 200 ग्राम तक कर दिया गया है। 

उन्होंने बताया कि प्रायोगिक रूप में राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी 33 जिलों से एक-एक विद्यालय का चयन कर बस्ते के बोझ को कम करने की यह शुरुआत की है। इसके तहत कक्षा एक से पांच तक बस्ते का दो- तिहाई बोझ कम हुआ है। उन्होंने बताया कि बोझ कम करने के इस निर्णय की लगातार समीक्षा की जाएगी। सफल परिणाम रहते हैं तो आने वाले समय में इसे कक्षा एक से 12 तक प्रदेशभर में लागू किया जाएगा। उन्होंने निजी विद्यालयों से भी अपील की कि वे भी इस तरह की शुरुआत करें। 

Anil dev

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