किसानों को मजबूत बनाना मोदी सरकार की प्राथमिकता : गोयल

Thursday, Oct 01, 2020 - 07:50 PM (IST)

जयपुर, एक अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि किसानों को मजबूत बनाना नरेंद्र मोदी सरकार की प्राथमिकता रही है और संसद द्वारा हाल ही में पारित कृषि संबंधी तीन कानून देश के किसानों का भविष्य सुधारने और उन्हें बिचौलियों से मुक्ति दिलाने की दिशा में बड़े कदम साबित होंगे।

गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि केंद्र की मोदी सरकार लगातार छह साल से किसानों के जीवन में बदलाव लाने, उनका उत्पादन बढ़ाने व उत्पादन का सही मूल्य दिलाने का अथक प्रयास कर रही है। उसने अपनी पहलों से किसानों का विश्वास व दिल जीता है।

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि संबंधी कानूनों की ओर इशारा करते हुए गोयल ने कहा कि किसानों को सालों साल से अनेक बंधनों में बांधे रखा गया है जिनसे मुक्ति दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने गत महीनों में कई परिवर्तनकारी कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार हर संकट में किसानों के साथ खड़ी रही है और वास्तविकता देश के सामने है। उन्होंने कहा कि किसानों का भविष्य सुधारने के लिए उन्हें अलग-अलग बंधनों से मुक्ति दिलाई गयी है।
गोयल ने कहा, ‘‘अब वह आजाद हैं कि किसी को भी कहीं भी अपने उत्पाद बेच सकते हैं। न तो हमने मंडी और न ही एपीएमसी को खत्म किया है। व्यवस्था को रखते हुए किसान अपनी मर्जी से कहीं भी उत्पाद बेच सकता है।’’
गोयल ने कहा कि इन कानूनों के जरिए सरकार ने एक प्रकार से किसान को स्वावलंबी भी बनाया है और उसे आमदनी बढ़ाने के मौके दिए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘किसान सशक्त होगा तो देश मजबूत बनेगा। किसानों को मजबूत बनाना मोदी सरकारी की प्राथमिकता रही है। पिछले छह साल में एमएसपी पर जो खरीद हुई है वह संप्रग सरकार के कार्यकाल में हुई खरीद की तुलना में लगभग दोगुनी है। देश के किसानों को प्रधानमंत्री मोदी की नीयत व नीतियों पर पूरा विश्वास है।’’
गोयल ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘दिशाहीन व मुद्दाविहीन विपक्ष किसानों व देशवासियों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है। वह किसानों को गलत डर दिखा कर उन्हें भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है लेकिन कांग्रेस का यह प्रयास सीमित इलाके तक रहा।’’
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली को समाप्त किए जाने के सवाल पर गोयल ने कहा कि यह व्यवस्था थी, अभी है और कल भी बनी रहेगी।

राजस्थान सरकार द्वारा कृषि विधेयक हूबहू रूप में लागू ना हो सके इसके लिये अध्यादेश लाने की अटकलों पर गोयल ने कहा राजस्थान सरकार जो भी करना चाहे वो करे, उसका जवाब यहां के किसान उनको दे देंगे।

कृषि विधेयकों के खिलाफ विशेषकर किसानों के आंदोलन पर गोयल ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से वहां पर इस विषय का राजनीतिकरण हो रहा है। थोड़े समय में लोगो को समझ में आयेगा, उनके ध्यान में आयेगा कि इन कानूनों के जरिए उनको सब जंजीरों से मुक्त करके अब उनको आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाया गया है।’’
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे के सवाल पर गोयल ने कहा कि ‘‘पंजाब की स्थानीय राजनीति के दबाव में उनको ऐसा निर्णय करना पडा..उनका निर्णय उनको मुबारक है लेकिन हमारे प्रधानमंत्री का उद्देश्य है कि हम रिफार्म करेंगे, परफार्म करेंगे और देश के किसान की तकदीर और तस्वीर दोनों को बदल कर रहेंगे।’’
गोयल ने बताया कि किसान रेल योजना के भी उत्साहवर्धक परिणाम मिले हैं और अब किसानों को अपने उत्पाद देश और विदेश तक भेजने की सुविधा मिल रही है।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कृषि कानूनों का विरोध कर रही कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। बृहस्पतिवार को शेखावत ने दो टूक कहा कि यदि देश की सरकार की बनाई जनकल्याणकारी योजनाओं को रोकने का प्रयास करेंगे तो राजस्थान में सिर्फ 3 साल बचे हैं, जवाब राज्य की जनता पाई-पाई का लेगी।

संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 10 करोड़ किसानों को अब तक 75 हजार करोड़ रुपये उनके बैंक खातों में जमा कराए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने कृषि बजट में 10 गुना की बढ़ोतरी की है और इस वर्ष के बजट में कृषि के लिए 1 लाख 34 हज़ार करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। इससे किसान आत्मनिर्भर बन सकेंगे।

इससे पहले गोयल ने किसानों के हित और उन्हें सशक्त बनाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा उठाये गये कदमों पर आयोजित संवाद कार्यक्रम में कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों से विचार-विमर्श किया तथा विभिन्न प्रश्नों के उत्तर दिये।


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PTI News Agency

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