उद्योगों के विकास के लिये रूपरेखा तैयार करें: मिश्र
punjabkesari.in Tuesday, Sep 15, 2020 - 11:18 PM (IST)
जयपुर, 15 सितम्बर (भाषा) राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि बदली हुई परिस्थितियों में इंजीनियरिंग (अभियांत्रिकी) संकाय के विद्यार्थियों में तकनीकी दक्षता बढ़ाने के लिये कार्यशाला, संगोष्ठी एवं व्याख्यानमाला का ऑनलाइन आयोजन किया जाना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि इससे राज्य में तकनीकी दक्षता का विकास होगा। नवाचार होंगे। राज्य को इसका लाभ मिलेगा।
मिश्र ने कहा कि दि इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स को बदलती हुई स्थितियों पर अनुसंधान करना होगा। समय के अनुरूप आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए भविष्य के लिए उद्योग धन्धों के विकास हेतु रूपरेखा तैयार करे और आत्मनिर्भर भारत के लिए राज्य के तकनीकी विश्वविद्यालयों से एमओयू (सहमति करार) करे।
मिश्र मंगलवार को दि इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स द्वारा आयोजित 53 वें इंजीनियर दिवस समारोह को वीडियो कान्फ्रेन्स के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी ने जीवन के प्रत्येक स्तर पर स्थितियां बदल दी हैं। ऐसी स्थिति में देश के इंजीनियर पर महती जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि इंजीनियर आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रयास करें। लोगों के मन में और समाज में आत्मनिर्भर भारत के लिए वातावरण का निर्माण करें ताकि युवा स्वरोजगार के लिए छोटे-छोटे उद्योगों को स्थानीय स्तर पर आरम्भ कर सकें।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उन्होंने कहा कि इससे राज्य में तकनीकी दक्षता का विकास होगा। नवाचार होंगे। राज्य को इसका लाभ मिलेगा।
मिश्र ने कहा कि दि इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स को बदलती हुई स्थितियों पर अनुसंधान करना होगा। समय के अनुरूप आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए भविष्य के लिए उद्योग धन्धों के विकास हेतु रूपरेखा तैयार करे और आत्मनिर्भर भारत के लिए राज्य के तकनीकी विश्वविद्यालयों से एमओयू (सहमति करार) करे।
मिश्र मंगलवार को दि इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स द्वारा आयोजित 53 वें इंजीनियर दिवस समारोह को वीडियो कान्फ्रेन्स के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी ने जीवन के प्रत्येक स्तर पर स्थितियां बदल दी हैं। ऐसी स्थिति में देश के इंजीनियर पर महती जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि इंजीनियर आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रयास करें। लोगों के मन में और समाज में आत्मनिर्भर भारत के लिए वातावरण का निर्माण करें ताकि युवा स्वरोजगार के लिए छोटे-छोटे उद्योगों को स्थानीय स्तर पर आरम्भ कर सकें।
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