कश्मीर में आतंकियों का बंद होने लगा जन समर्थन ''ग्रामीणों ने 2 खूंखार आतंकी पकड़ पुलिस हवाले किए ''

punjabkesari.in Tuesday, Jul 05, 2022 - 12:21 PM (IST)

आतंकवाद पीड़ित जम्मू-कश्मीर को 5 अगस्त, 2019 को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली पाराएं 370 और 35-ए रद्द कर तब यह आशा बनी श्री कि कश्मीर घाटी में व्यास हिंसा कम होगी तथा स्थिति बदलेगी परंतु पिछले कुछ समय से एक बार फिर वहां आतंकी घटनाएं बढ़ने लगी है।

आतंकवादियों ने घाटी में लोगों को चुन-चुन कर और लक्षित करके हत्याएं शुरू कर दो अध्यापक मुस्लिम पुलिस कर्मी, प्रवासी अल्पसंख्यक तथा कश्मीरी पंडित शामिल हैं। • पाटी में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए जहाँ पहले सीमा पार पुवकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था यहाँ अब इसके लिए उन्हें ट्रेनिंग देने के अलावा ड्रोन आदि से हथियारों की सप्लाई की जा रही है। ऐसे हालात में पाटी में बदलाव का एक संकेत 3 जुलाई 2022 को मिला, बरियासी जिले की माहौर तहसील से लगभग 25 किलोमीटर दूर तुकसन ढोक नामक गांव के निवासियों ने गांव के जंगल में छिपने पहुंचे लश्कर ए-तैयबा के 2 वांछित आतंकवादियों को पकड़कर रस्सों से करार क्षेत्र को पुलिस के हवाले कर दिया। इन दोनों आतंकवादियों की पहचान भगौड़ा घोषित हुसैन व फैसल अहमद घर के रूप में हुई है। जम्मू क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश सिंह के अनुसार इनके कब्जे से 2 एके 47 राइफलें, ग्रेनेड पिस्तौल और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ।

इसके अगले दिन जुलाई को तालिब हुसैन की निशानदेही पर आतंकवादियों के ठिकाने से 6 स्टिकी बम, एक पिस्तौल, तिल की मैगजीने केएक अंडर इसके ग्रेड ए के त के 75 कारतूस तथा एंटीना के साथ एक आई.ई.डी. रिमोट बरामद किया। - अनेक आई.ई.डी. धमाकों का मास्टर माइंड तथा परपंजाल क्षेत्र का परिया कमांडर हुसैन राजौरी के दराजकोटका का रहने बाला है। दोनों गिरफ्तार आतंकवादी पाकिस्तान स्थित एक हैंडलर सलमान के संपर्क में थे जबकि तालिब हुसैन लगातार पाकिस्तान में लश्कर के एक अन्य डलर कासिम के संपर्क में भी था।

"तालिब ने राजौरी और पुंछ के क्षेत्र में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से इस वर्ष मार्च-अप्रैल में कोटरंका, शाहपुर बुद्धल में आई.ई.डी. में अनेक धमाके किए थे। गत मंगलवार को उसके साथियों मोहम्मद और मोहम्मद सादिक को सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार कर उनके क से भी बड़ी संख्या में शक्तिशाली विस्फोटक (आई.ई.डी.) पकड़ा था।

जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने ग्रामीणों को उनके साहस के लिए 5 लाख रुपए का नकद ईनाम देने की घोषणा की तथा कहा कि ग्रामीणों द्वारा दिखाए गए दृढ़ संकल्प से वह दिन दूर नहीं जब जम्मू-कश्मीर आतंकवाद बुक होगा। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने भी ग्रामीणों को 2 लाख रुपए ईनाम देने की घोषणा की है। जम्मू सेना के लोक संपर्क अधिकारी देवेंद्र आनंद ने कहा कि "सुरक्षा बल ग्रामीणों को देती सुरक्षा कमेटियाँ कायम करने में सहायता दे रहे जिसके अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे है।

"क्षेत्र में वादको पुनर्जी करने की लगातार कोशिशों के बावजूद लोग ऐसी कोशिशों को कम करके आतंकवाद के काले दौर को वापस रोकने के लिए दृढ़ है और खुद आतंकवादियों के विरुद्ध उठ खड़े हुए हैं।"  हालांकि पकड़े गए आतंकवादियों में से एक तालिब को लेकर विवाद भी खड़ा हो गया है, जो इसी वर्ष मई में भाजपा का सदस्य बना था और 27 मई को उसने पार्टी छोड़ दो। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र रैना ने दावा किया है कि पाकिस्तान द्वारा रची गई साजिश के अंतर्गत ही भाजपा नेताओं को निशाना बनाने के लिए तालिब पार्टी में शामिल हुआ था।

जो भी हो, ग्रामीणों द्वारा अपनी जान की परवाह न करते हुए 2 खतरनाक आतंकवादियों को पकड़ कर पुलिस के हवाले करना जम्मू-कारमौर के लोगों में बड़ रही जागरुकता और आतंकवादियों के विरुद्ध नफरत का परिणाम है। इसके लिए से ग्रामीण साधुवाद के पात्र और आतंकवादियों के विरुद्ध जम्मू-कश्मीर के लोगों का जुड़ना प्रदेश में आतंकवाद का दौर समान होने का संकत है। इतिहास साक्षी है कि आतंकवाद को समाप्त केवल सेना की कार्रवाई से संभव नहीं है बल्कि इस संग्राम में आम लोगों का जुड़ना भी जरूरी है।

-विजय कुमार


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Content Writer

Anu Malhotra

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