देश में 2 साल में 87 परियोजनाएं लिए काटे जाएंगे 23 लाख पेड़
punjabkesari.in Monday, Feb 06, 2023 - 07:17 PM (IST)

जालंधर, 6 फरवरी (नैशनल डैस्क): 2020 से 2022 तक पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) द्वारा स्वीकृत की गई 87 परियोजनाओं के लिए 23 लाख पेडों को काटना पड़ेगा। यह जानकारी एमओईएफसीसी के राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में ससंसद विवेक के तन्खा एक सवाल के जवाब में दी है। उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं में तीन संरक्षित क्षेत्रों में आती हैं।
किन परियोजनाओं को मंजूरी
राज्य मंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों (2020-2022) में राजमार्गों से संबंधित लगभग 31 परियोजनाएं, बंदरगाहों से जुड़ी 11 परियोजनाएं, एयरपोर्ट से जुड़ी 15 परियोजनाएं, नदी घाटी से संबंधित 20 परियोजनाओं और ताप विद्युत संयंत्रों से संबंधित 10 परियोजनाओं को मंत्रालय द्वारा पर्यावरणीय मंजूरी दी गई है। एमओईएफसीसी मंत्री से सांसद ने उन पेड़ों की संख्या के बारे में भी जानकारी मांगी जो इन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के परिणाम और आगे बढ़ने के लिए काटे जाएंगे। राज्यमंत्री ने कहा कि इन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तीन राजमार्ग परियोजनाएं संरक्षित क्षेत्रों में आएंगी। जवाब में आगे कहा गया कि काटे गए पेड़ों के स्थान पर क्षतिपूरक वनरोपण किया जाएगा। उपर्युक्त परियोजनाओं के विकास के लिए लगभग 23 लाख पेड़ों को हटाने का प्रस्ताव दिया गया है। प्रतिपूरक वृक्षारोपण मौजूदा मानदंडों के अनुसार किया जाता है और इससे संबंधित पर्यावरणीय मंजूरी में एक शर्त के रूप में शामिल किया जाता है।
2020-21 में काटे गए थे 31 लाख पेड़
गौरतलब है कि 2020-21 में पूरे भारत में सार्वजनिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निर्माण और विकास के लिए लगभग 31 लाख पेड़ काटे गए थे, जबकि दिल्ली में एक भी पेड़ नहीं काटा गया था। इस बात का खुलासा बीते साल लोकसभा में उठाए गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने किया थो। उन्होंने बताया था कि वन (संरक्षण) अधिनियम के तहत 30,97,721 पेड़ काटे गए और 2020-21 में इसके बदले वनीकरण पर 359 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।