लोकसभा चुनाव से पहले पंजाब भाजपा में बदलाव होगा या नहीं, दिल्ली में शाह और नड्डा ने शुरू किया मंथन
punjabkesari.in Wednesday, Jun 07, 2023 - 02:55 PM (IST)
जालंधर (अनिल पाहवा) : जालंधर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा को मिली हार ने पार्टी हाईकमान को चिंता में डाल दिया है। पार्टी के केंद्रीय नेताओं की तरफ से पंजाब पर अब विशेष ध्यान देने के लिए रणनीति बनाई जा रही है, जिसके लिए दिल्ली से लेकर पंजाब तक बैठकों का सिलसिला जोरों से चल रहा है। जालंधर के लोकसभा उपचुनाव के बाद समाचार पत्रों में प्रकाशित हो रही खबरों को लेकर केंद्रीय नेतृत्व ने मामले को गंभीरता से लिया है तथा पार्टी अब राज्य में भाजपा को मजबूत करने के लिए रणनीति बनाने में जुट गई है।
खामियों और गड़बड़ियों से भरपूर रहा लोकसभा उपचुनाव
जानकारी के अनुसार भाजपा हाईकमान आने वाले लोकसभा चुनावों में पूरे देश में तो अभियान चलाने की तैयारी में है ही, साथ ही पार्टी पंजाब को इस बार पूरी अहमियत दे रही है। पंजाब को लेकर पार्टी ने एक खाका तैयार किया है, जिसमें आने वाले समय में राज्य यूनिट में बदलाव से लेकर अन्य योजनाओं पर विचार किया जा रहा है। खासकर जालंधर लोकसभा उपचुनाव में जिस तरह से खामियां और गड़बड़ियां पाई गई, वह भाजपा के कई नेताओं को गंवारा नहीं गुजरा है। राज्य में पार्टी बेशक उतनी मजबूत नहीं है, लेकिन जालंधर का लोकसभा उपचुनाव पार्टी के लिए एक सुनहरा अवसर था, जिसमें वह खुद को साबित कर सकती थी। लेकिन पार्टी के नेता सिर्फ इसी बीत से फूले नहीं समा रहे कि उनका वोट प्रतिशत 2022 के विधानसभा चुनावों और संगरूर उपचुनाव के मुकाबले बढ़ गया है। इस मामूली बढ़त को ही पार्टी के नेता हर जगह बैठकों में खूब भुना रहे हैं और केंद्रीय नेतृत्व की आंखों में धूल झांकने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि असलियत यह है कि पार्टी ने जालंधर के लोकसभा उपचुनाव में जमानत जब्त करवाई है, जोकि एक राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पार्टी के लिए शर्मनाक बात है।
चंडीगढ़ और जालंधर में दो दिन केंद्रीय नेतृत्व करेगा बैठकें
उधर यह खबर भी सामने आई है कि केंद्र के कुछ नेता अगले दो दिन तक पंजाब में वन टू वन बैठकें करेंगे तथा आने वाले लोकसभा चुनावों के लिए इन्हीं बैठकों से रणनीति तैयार की जाएगी। पार्टी के प्रदेश प्रभारी विजय रुपाणी 2 दिन के पंजाब दौरे पर आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार बुधवार को वह चंडीगढ़ में पार्टी के अलग-अलग नेताओं के साथ बैठकें करेंगे, जबकि वीरवार को जालंधर में बैठकों का सिलसिला शुरू होगा। जानकार तो यह भी बता रहे हैं कि जालंधर में ओपन बैठक रखी गई है, जिसमें पार्टी के वर्कर या नेता अपनी बात रख सकते हैं। अगर यह सही में ओपन बैठक हुई तो इस बात की संभावना जताई जा रही है कि पिछले काफी समय से पंजाब में इग्नोर हुए भाजपा नेता अपनी बात रख सकते हैं। वैसे लोकसभा उपचुनाव में पार्टी के अधिकतर नेता इग्नोर ही रहे और उन्हें मौजूदा पावरफुल लॉबी ने किसी काम नहीं लगाया और इसका खमियाजा पार्टी ने उपचुनाव में भुगता भी। अगर सही में पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों में पंजाब को लेकर गंभीर है तो उसे पुराने नेताओं और वर्करों को दोबारा साथ जोड़ना ही होगा। वरना नई लॉबी के साथ पार्टी 3 चुनाव पहले ही हार चुकी है।
अमित शाह जून के महीने पंजाब में करेंगे दौरा
जानकारी मिली है कि देश के अलग-अलग राज्यों के साथ-साथ पंजाब को लेकर दिल्ली में मंथन चल रहा है। सूत्रों से मिली खबर के अनुसार मंगलवार को भी पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा तथा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच बैठक हुई है, जिसमें पंजाब को लेकर भी मंथन किया गया। पंजाब के जालंधर में लोकसभा उपचुनाव में हार के बाद पार्टी के कुछ आला नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष को एक रिपोर्ट दी थी, जिसमें हार के कारणों पर चर्चा की गई थी। इन कारणों में से एक कारण पंजाब में पावरफुल लॉबी की मनमर्जियां भी एक बड़ा कारण बताया गया था। जानकार तो यह भी बता रहे हैं कि जून महीने में अमित शाह पंजाब के दौरे पर आएंगे, संभवतः पार्टी की तरफ से किसी जिेले में रैली का भी आयोजन किया जा सकता है, जिस बारे अभी पूरी जानकारी सामने नहीं आई है। चंडीगढ़ तथा जालंधर में हो रही बैठकों में स्थान को लेकर अंतिम रूप दिया जा सकता है।
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