साइबर फ्रॉड से बचने के लिए इंटरनैट का प्रयोग सावधानी से करें: प्रो. चारू मल्होत्रा
punjabkesari.in Tuesday, Nov 15, 2022 - 08:33 PM (IST)

लुधियाना (आहूजा चोपड़ा): साइबर क्राइम ऐसी क्रिमिनल एक्टीविटी है जिसमें कम्प्यूटर नेटवर्क डिवाइस या नैटवर्क के जरिए ठगी की जाती है और साइबर अपराधी इसके जरिए प्राइवेसी से लेकर पैसे तक उड़ा ले जाते हैं। डाटा हैकिंग, फिशिंग मेल, ओ.टी.पी. फ्रॉड और मोबाइल फ्रॉड सैक्सटॉर्शन जैसे तमाम अपराध हैं जिन्हें साइबर अपराधी अंजाम देते हैं। साइबर क्राइम से जुड़े मामलों को पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां दोनों देखती हैं। यदि आप किसी भी इंटरनेट यूजर हैं तो संभव है कि आप अपनी कोई भी छोटी सी चूक के कारण साइबर क्राइम का शिकार हो सकते हैं।
प्रो. चारूमल्होत्रा (पी.एचडी., आई.आई.टी. दिल्ली एवं ई. गवस-आई.सी.टी.) जोकि एक फिशिंग साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट है, ने विशेष भेंट में शन के लिए भी बताया कि बैंकिंग, सोशल मीडिया, ईमेल के दिए गए अलावा डाटा केबल से भी साइबर क्राइम हो सकता है। इसलिए यहां तक हो सके मोबाइल के लिए चार्जिंग केवल ही इस्तेमाल करें और क्यू आर कोड एक ऐसा पैटर्न होता है, जिसमें करने से किसी प्रोडक्ट की जानकारी छिपी रहती है। किसी भी उसको स्कैन करके इसमें छिपी जानकारी का पता लगाया जाता है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही क्यू. आर. कोड में कोई खास टैक्स्ट यू. आर. एल. नंबर / चाहिए औ मोबाइल नंबर भी छिपा होता है। अतः इसे सावधानी से इस्तेमाल करें। स्कैन करने से पहले उपरोक्त फ्री वाईफा कंपनी की सत्यता कंफर्म कर लें और ऑनलाइन खरीदारी भी बड़ी सजगता से करनी चाहिए।
चारू मल्होत्रा ने बताया कि यदि किसी से कोई बैकिंग फ्रॉड हो जाए तो उसे तुंरत बैंक को जानकारी देना चाहिए क्योंकि बैंक अमाउंट का ट्रांसफर करने के लिए लगभग आंधे घंटे का समय लेता है जिसे 'गोल्डन पीरियड' कहा जाता अपने है। यदि इस समय के भीतर बैंक को फ्रॉड की देते ह बैंक जानकारी दे दी जाए तो पेमैंट का भुगतान रुक सकता है। अपने पुराने मोबाइल को बेचने संबंधी जानकारी की देते हुए चारू मल्होत्रा ने कहा कि पुराना मोबाइल क बेचते समय ध्यान रखें क्योंकि इसमें आपका सारा डाटा छिपा होता है।
5जी सिम सर्विस अपडेट स्कैम टिप्स
4जी से 5जी अपग्रेड करने के लिए आए हुए एस.एम.एस. या ईमेल लिंक पर क्लिक न करें। 5जी सर्विस को अपग्रेड करने के लिए किसी प्रकार की व्यक्तिगत या फाइनैंशियल सूचना न दें और 5जी सर्विस को अपग्रेड करने के लिए कोई भी स्क्रीन शेयरिंग एप इंस्टॉल न करें। ऐसी ईमेल से बचें जिन्होंने वोडाफोन, एयरटेल, जियो का लोगो लगा रखा हो और आपसे 5जी सिम अपग्रेड करने के लिए डिटेल्स मांग रहे हों।
क्राइम से बचने के लिए अति आवश्यक जानकारियां
- किसी भी वैबसाइट पर अपने पर्सनल डिटेल अपने वाईफाई और उसके लिए सिक्योर्ड शेयर करने से बचें और केवल वैरीफाइड साइट पर ही शेयर करें।
- अपनी जी.पी.एस. लोकेशन पब्लिक प्लेसिस पर स्विच ऑफ रखें।
- फिशिंग मेल के बारे में जानकारी रखें और कभी अज्ञात व्यक्ति के मैसेज या ईमेल में दिए गए लिंक पर क्लिक न करें।
- ऑनलाइन पेमेंट करते समय यह सावधानी रखें कि ब्राऊजर में लॉक सिबल है या नहीं।
- किसी भी फ्री एप या सॉफ्टवेयर को डाउनलोड पासवर्ड का इस्तेमाल करें।
- अपने एंटीवायरस एप्लीकेशन सिस्टम को अपडेट रखें।
- हमेशा मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें, ब ब्राऊजर के कार्य समाप्त होने के बाद हिस्टी व कुकीज डिलीट कर दें।
- अपनी मेल, नैट बैंकिंग, ऑफिशियल ईमेल, निवेश, अकाऊंट, बिजली/ पानी/इंटरनेट के "बिल चुकाने के लिए अलग-अलग पासवर्ड रखने चाहिएं। करने से पहले अच्छी तरह कंफर्म कर लें।
- किसी भी ऑनलाइन स्कीम जिसमें पैसे जीतने व प्राइस मिलने की बात की जा रही हो उसके लालच में न पड़ें। इसके अलावा आकर्षक है। विज्ञापनों पर क्लिक करने से परहेज करना चाहिए और उन पर विश्वास नहीं करें। आप धोखा खा सकते हैं।
- फ्री वाईफाई का इस्तेमाल करने से बचें, न अपने ऑनलाइन अकाऊंट बैंकिग के लिए
- आज बढ़ते साइबर खतरे को देखते हुए सलाह दी जाती है कि एक ही पासवर्ड कई लोगिनस के लिए इस्तेमाल करना खतरनाक हो सकता है।
- बुजुगों व महिलाओं को खास तौर पर सलाह दी जाती है कि किसी के भी पूछने पर नैट बैंकिंग पासवर्ड, ओ.टी.पी., ए.टी.एम. फोन बैंकिंग पिन. सी. बी. वी. नंबर व किसी प्रकार की संवेदनशील जानकारी न दें।