गुरूघरों में बेअदबी रोकने के लिए इसके पीछे की मानसिकता और कारणों की तह तक जाना जरूरीः इकबाल सिंह लालपुरा

punjabkesari.in Sunday, Apr 30, 2023 - 01:09 PM (IST)

जालंधर (अनिल पाहवा): पंजाब में पिछले 45 वर्ष से सिख आबादी बढ़ रही है लेकिन इसके साथ ही पंजाब में सिख धर्म में बेअदबी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह एक चिंता का विषय है और इसको लेकर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी गई है। यह दावा किया है राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन इकबाल सिंह लालपुरा ने। आज यहां विशेष बातचीत के दौरान लालपुरा ने जहां पंजाब के मुद्दों पर लेकर चर्चा की वहीं सिख समुदाय में धर्म परिवर्तन को लेकर भी अपनी बात रखी। पेश हैं उनसे बातचीत के प्रमुख अंश :-

बेअदबी की घटनाओं पर आयोग ने मांगी रिपोर्ट
पंजाब में कुछ समय से बेअदबी की घटनाएं बढ़ना सभी के लिए चिंता का विषय है इसको लेकर एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है जिसमें यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि घटनाओं के पीछे का कारण क्या है और इन घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों की मानसिकता क्या है। इन लोगों को क्या सजा अदालत से मिली, इन सबको लेकर जानकारी जुटाई जा रही है। 

ये मानसिक रोगी गुरूघरों में ही क्यों करते हैं ये हरकतें
बेअदबी की घटनाएं पूरी दुनिया में कहीं नहीं जबकि पंजाब में आए दिन इस तरह की खबरें आ रही हैं। इन घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों को मानसिक रोगी कहा जाता है लेकिन मेरा तो पूछना जरूरी है कि ये जो मानसिक रोगी है यह किसी स्कूल या फिर अस्पताल में जाकर तोड़फोड़ क्यों नहीं करते है। मानसिक परेशन क्यों होते हैं यह भी जांच का विषय है। इसमें कहीं न कहीं हमारी भी लापरवाही है क्योंकि हम बेअदबी की घटना होने का बाद स्थिति संभालने को लग जाते हैं लेकिन इसके पीछे के कारणों पर गौर नहीं करते है। 

मुस्लिम समाज को पूरी अहमियत मिलती
जहां तक मुस्लिम समाज की बात है तो भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार सभी वर्गों को एक सम्मान देखती है। हमारे देश में मुस्लिम एक्टर भी अपना रुतबा रखते हैं यहां तक सरकार की बात है 3-3 राष्ट्रपति मुस्लिम समाज से रहे, सुप्रीम कोर्ट के जज, गवर्नर तथा सभी अहम स्थानों पर मुस्लिम सामाज अहम जगह मिली बाकि यहां तक क्रिमिनल का सवाल है तो उनका कोई धर्म नहीं होता।

सिख धर्म परिवर्तन रोकने को हो रहे प्रयास
पंजाब में धर्म परिवर्तन कोई नई बात नहीं है। वैसे तो यह 1839 से चल रहा है, यहां कई लोगों ने सिख धर्म छोड़ा लेकिन बाद में वापिस भी आ गए। जहां तक इसाई धर्म के लोगों द्वारा लालच दिए जाने की शिकायतें हैं तो उसे लेकर अल्पसंख्यक आयोग की तरफ से अपनी कोशिशें की जा रही कि धर्म परिवर्तन पर रोक लग सके। आयोग की दखलअंदाजी के कारण ही पिछले दिनों  इसाई और सिख समुदाय के लोगों की बैठक हुई है, जिसमें तालमेल बना कर रखने और एक दूसरे धर्म को नुकसान न पहुंचाने पर चर्चा हुई। 

एसजीपीसी या किसी संगठन में दखलांदाजी नहीं
मेरी किसी भी धार्मिक संगठन में कोई दखलअंदाजी नहीं है, जहां तक एस.जी.पी.सी. चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए बीबी जगीर कौर को मैदान में उतरने के लिए जो चर्चा हो रही है वह बेबुनियाद है। मैं कई सालों तक एस.एस.पी. कपूरथला के तौर पर तैनात रहा जिस दौरान बीबी जगीर कौर मंत्री थे। उनसे एक अच्छे संबंध हैं बस इतना ही उनके किसी भी मामले में न तो मेरा कोई दखल है और न ही मैं उन्हें कोई मशविरा देता हूं। जहां तक चुनाव की बात है यह तो लोकतांत्रिक अधिकार है, कोई भी चुनाव लड़ सकता है।

अमृतपाल ने लोक भलाई वाला कोई काम नहीं किया
पंजाब में अमृतपाल की वारिस पंजाब ने कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे यहां के लोगों को कोई पायदा मिले। न तो कोई स्कूल खोला न ही अस्पताल। फिर नशे छुड़ाने के नाम पर युवाओं को पीछे लगाने की एक कोशिश थी जिसमें वह सफल नहीं रहा है। यवाओं को चाहिए कि ऐसे लोगों से वह दूर रहें।


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Content Editor

rajesh kumar

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