‘पीठ में छुरा घोंपने वालों के बारे ये लड़ाई जीतने के बाद बात करूंगा : कै. अमरेंद्र’

Wednesday, Feb 09, 2022 - 07:54 AM (IST)

पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब लोक कांग्रेस के प्रधान कैप्टन अमरेंद्र सिंह राजग के अपने घटक दलों के साथ मिलकर इस बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस से अलग हुए उन्हें महज 5 माह भी नहीं हुए, इतने कम समय में ही अपनी पार्टी बनाकर उन्होंने चुनाव में उम्मीदवार भी खड़े कर दिए। पटियाला में प्रचार के लिए जाते हुए उनसे कांग्रेस समेत सभी विरोधी दलों और पंजाब के मसलों पर बात की पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/ जगबाणी/ हिंद समाचार से हरिश्चंद्र ने। पेश हैं  मुख्य अंश

सवाल  आपने अपने कार्यकाल में पंजाब का काफी विकास करने की बात कही है। तो क्या वजह रही, क्या कांग्रेस हाईकमान को यह विकास नहीं दिखा या आपके ही लोगों ने आपकी पीठ में छुरा घोंपा?
जवाब: मैं अभी इस बात में नहीं पडऩा चाहता। अभी हम लड़ाई में उतरे हैं और यह लड़ाई जीत कर ही इस बारे बात करुंगा। और हां ये बिल्कुल सही है, जब भी ऐसी कोई बात होती है तो यह लोगों की बढ़ी हुई महत्वाकांक्षा ही कराती है। इसमें भी चार लोग थे जो सी.एम. बनना चाहते थे जिनमें एक चन्नी था, एक सिद्धू था और एक सुखजिंदर रंधावा। कोई सी.एम. तभी बनता अगर मैं उतरता।

सवाल  आपने महत्वाकांक्षा का जिक्र किया तो कुछ लोगों की महत्वाकांक्षा सुनील जाखड़ जैसे नेता को पीछे छोड़ गई। क्या कहेंगे?
जवाब: 
जहां तक सुनील जाखड़ की बात है, वह बहुत नेक इंसान हैं। मैं उन्हें बहुत अच्छे से जानता हूं। वह मेरे पार्टी प्रधान थे और मैं उनका मुख्यमंत्री। हमारे अच्छे ताल्लुकात रहे हैं। अभी मैं उनसे मिला नहीं हूं जबसे कांग्रेस छोड़ी है, उम्मीद है कि कभी तो हम मिलेंगे ही। उन्होंने कहा है कि वह सियासी अखाड़े में नहीं पड़ेंगे मतलब चुनावी अखाड़े में। मेरा ख्याल है कि उन्हें यह नहीं कहना चाहिए था। अगर वह कभी मुख्यमंत्री बने तो बढिय़ा सी.एम. साबित होंगे पंजाब के लिए।

सवाल चरणजीत चन्नी कहते हैं कि उन्होंने ही 111 दिन में सारे काम किए हैं, पहले नहीं हुए ?
जवाब: 
जो लोग प्रशासन में हैं वह बेहतर जानते हैं कि 111 दिन में क्या हो सकता है। सामने इशारा करते हुए अगर मुझे यह फ्लाईओवर बनाना है तो पता है कितना टाइम लगेगा। पहले इसकी स्कीम बनेगी, फिर कॉस्टिंग होगी, फिर जमीन एक्वायर होगी, तब जाकर काम शुरू होगा। 6-7 महीने बाद जाकर काम शुरू होगा। 111 दिन में क्या कर लोगे? यह सब लोगों को गुमराह करने वाली बातें हैं। पंजाब के हित देखने वाला कोई भी मैच्योर नेता कभी ऐसा झूठ नहीं बोलेगा।

सवाल चन्नी को सी.एम. चेहरा बनाने से कांग्रेस को कोई फायदा होगा?
जवाब: मुझे नहीं लगता। यह तो उन्होंने देखना है कि कैसे खुद की मार्कीटिंग करनी है। चन्नी की क्षमता मंत्री से ज्यादा नहीं है। मैं तो उसका सी.एम. रहा हूं। उसने अभी से झूठ बोलना शुरू कर दिया है। दावे करता है कि मैंने ये काम कर दिए। कौन से काम किए हैं? वही काम पूरे कर रहा है जिसे हमने शुरू किया था। चन्नी बढिय़ा मंत्री था, दो-तीन विभाग थे उसके पास लेकिन पूरे पंजाब को वह चला लेगा तो यह उसके बस की बात नहीं।

सवाल आपने कहा था माइनिंग में कई लोग शामिल थे तो उनकी सूची क्यों नहीं जारी करते?
जवाब: मैंने वह जांच रिपोर्ट नहीं देखी, शायद हो उसमें चन्नी का नाम भी। हां, रोपड़ के आसपास जो माइनिंग हो रही है, उसमें जरूर उसका नाम आया है। एक बार कांग्रेस अध्यक्ष ने मुझसे पूछा था तब भी मैंने उन्हें कहा था कि माइनिंग में ऊपर से लेकर नीचे सभी शामिल हैं। उन्होंने पूछा कि क्या एक्शन ले रहे हो तो मैंने कहा कि यह लिस्ट लें, ऊपर से नीचे तक सभी को गिरफ्तार करना पड़ेगा लेकिन सोनिया गांधी ने इस पर कोई जवाब ही नहीं दिया। हैरानी तो इस बात की है कि सोनिया गांधी ने यह जानते हुए भी कि ये लोग रेत माफिया में शामिल हैं, फिर से उन्हें टिकट दे दी। रेत माफिया की पूरी टोली को उन्होंने टिकटें दे दी।

सवाल राहुल गांधी तो कहते हैं कि गरीब घर के नेता को सी.एम. बनाया है।
जवाब: 
गरीब घर के बंदे का इनकम टैक्स तो निकाल कर देखें, क्या है उसमें। मैं जाति की बात नहीं करता, न मैं चाहता हूं कि हिंदुस्तान में जात-पात हो। मगर यदि कोई गरीब है तो वह आर्थिक तौर पर गरीब होता है। खरड़, चमकौर साहिब से लेकर मोहाली तक तो इसकी सारी डिवैल्पमैंट चल रही है। यह तो लैंड डिवैल्पर है, इसके पास तो सैंकड़ों करोड़ रुपया है। यह कैसे गरीब हुआ?

सवाल आपने कहा था कि अमृतसर पूर्वी सीट पर नवजोत सिद्धू के खिलाफ बड़ा चेहरा उतारेंगे।
जवाब: मैंने यह नहीं कहा, मैंने कहा था कि उसे हराएंगे, उसे जीतने नहीं देंगे। पंजाब के लिए सही नहीं कि सिद्धू जीते। वह नैगेटिव सोच वाला आदमी है। पंजाब को उसकी लीडरशिप की जरूरत नहीं।

सवाल यह कहा जा रहा है कि सिद्धू को हराने के लिए आप, भाजपा और अकाली दल एक हो गए हैं।
जवाब: कौन किसको हराने के लिए लड़ता है। हम तो यह लड़ाई जीतने के लिए लड़ रहे हैं और यह सीट जीत कर देंगे पंजाब को।

सवाल नवजोत सिद्धू आप पर निजी हमले करते हैं। क्या उससे आप डिस्टर्ब नहीं होते?
जवाब: बिल्कुल नहीं, मैंने क्यों डिस्टर्ब होना। मैं करता हूं उसको डिस्टर्ब। मेरे मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए हमारे पंजाब के 83 जवान सीमा पर शहीद हुए हैं, जबकि हम 2 प्रतिशत हैं हिंदुस्तान में। और जो गोली चलाने का हुक्म देते हैं इमरान खान और जनरल बाजवा, उनसे यह जफ्फियां डालता है। इसे यह शर्म नहीं कि हमारे जवान वहां शहीद हो रहे हैं। एक किस्सा बताता हूं, मैंने उसे पाकिस्तान जाने से रोका था। एक प्रोटोकॉल है, यदि मंत्री ने विदेश जाना है तो सी.एम. की परमिशन लेनी होती है और यदि सी.एम. ने बाहर जाना है तो पी.एम. से परमिशन लेनी जरूरी है। जब इसने इमरान खान के शपथ ग्रहण में जाना था तब वह बंगलौर में प्रचार कर रहा था। मुझे पता लगा तो मैंने इसे वहां पकड़ा और पूछा कि किसलिए जा रहे हो पाकिस्तान। इसने बताया कि इमरान की शपथ ग्रहण के लिए। मैंने कहा कि क्या जाना इतना जरूरी है, जब हमारे जवान उनकी गोलियों से शहीद हो रहे हैं। इसका पंजाब में असर अच्छा नहीं होगा। तब सिद्धू ने कहा कि वह हामी भर चुके हैं तो मैंने कहा कि अब न भी कह सकते हो कि कर्नाटक के चुनाव प्रचार में व्यस्त हूं। लेकिन यह चला गया, यह परवाह नहीं करता, सोचने का ढंग इसका अलग ही है।

सवाल विरोधी कहते हैं कि बिक्रम मजीठिया को आपने उतारा है?
जवाब: मजीठिया को तो अमृतसर से चुनाव लडऩा ही नहीं चाहिए था। हमारे राजू वहां सबसे बढिय़ा उम्मीदवार हैं क्योंकि पूर्वी हलके में 38 प्रतिशत हिंदू है और 32 प्रतिशत एस.सी. आबादी। राजू मजहबी सिख हैं तो वहां राजू का फायदा है या मजीठिया का। मजीठिया को अपनी लड़ाई लडऩी चाहिए थी मगर वह सिद्धू के साथ अपनी खुंदक निकाल रहा है। अब सिद्धू के खिलाफ दो ओपोजिशन हो गई, एक मजीठिया और एक हमारे राजू।

सवाल आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान को सी.एम. पद का उम्मीदवार बनाया है। इसका कितना फायदा आप को होगा?
जवाब: पिछली बार भी कुछ लोग आप की हवा बनी हुई बताते थे लेकिन सीटें कितनी आई। कुछ इलाकों में वह हैं लेकिन कुछ खास नहीं। जितनी हवा लोग जाहिर करते हैं आप की, उतनी है नहीं। दो हफ्ते रह गए हैं, सामने आ जाएंगे नतीजे।

सवाल आपने कांग्रेस छोड़ते समय कहा था कि आपको कांग्रेस में हयूमिलेट किया गया। अब भी कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान जारी है, क्या लगता है कि लोकसभा चुनाव तक यह एकजुट रह पाएगी? 
जवाब: क्या लगता है कि यह चुप रहेंगे। पहले तो यह जीत कर दिखाएं, चाहे सिद्धू हो या चन्नी। मेरी जानकारी के मुताबिक इन दोनों के और वह डेरा बाबा नानक वाले मंत्री के हालात अच्छे नहीं हैं।

सवाल क्या टकसाली कांग्रेसियों की कद्र नहीं हो रही कांग्रेस में?
जवाब: बिल्कुल, यह जी-23 क्यों बैठा है। सभी पुराने कांग्रेसी, सुलझे  हुए लोग हैं, उनसे आप काम नहीं ले रहे। पता नहीं किससे ले रहे हैं, कौन उनके सलाहकार हैं।

सवाल आपका पटियाला में प्रचार कल परणीत कौर ने भी किया है जो कांग्रेस से सांसद हैं।
जवाब: उनकी अपनी मर्जी है। अगर वह समझते हैं कि मुझे जीतना चाहिए तो मेरा प्रचार करेंगी और अगर लगता है कि किसी दूसरे को जीतना चाहिए तो उसका प्रचार करेंगी। मेरे खिलाफ कांग्रेस का उम्मीदवार विष्णु 10-12 साल अकाली दल में रहा, लोग ऐसे आदमी को पसंद नहीं करते जो छलांग लगाकर इधर से उधर जाए। मैंने तो कांग्रेस को नहीं छोड़ा था, मुझे इस्तीफे के लिए कहा गया, उसके बाद मेरी मर्जी थी कि क्या करना है।

Ajesh K Dharwal

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