चुनावी वर्ष में स्कॉलरिशप स्कीम की घोषणा दलित छात्रों के साथ भद्दा मजाक : शिअद
Sunday, Nov 01, 2020 - 09:54 PM (IST)
चंडीगढ़, (अश्वनी): शिरोमणि अकाली दल ने कहा है कि मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह 2020-21 में चुनावी साल में एस.सी. स्कॉलरशिप योजना को फिर शुरू करने की घोषणा कर दलित छात्रों के साथ मजाक कर रहे हैं। 3 साल में एस.सी. स्कॉलरशिप स्कीम के 2440 करोड़ के बजट में से एक भी पैसा जारी करने से इनकार कर दिया।
योजना को नया ‘जुमला’ करार देते हुए पूर्व मुख्य संसदीय सचिव पवन कुमार टीनू ने कहा कि अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री साधु सिंह धर्मसोत द्वारा घपला किए गए 64 करोड़ के एस.सी. छात्रवृत्ति घोटाले से ध्यान भटकाने के लिए ऐसा किया गया है।
मुख्यमंत्री से पूछा कि 3 साल के बजट को बांटने में नाकाम रहने के बाद अगले साल के लिए योजना कैसे शुरू कर सकते हैं। 2018-19 में 620 करोड़, 2019-20 में 860 करोड़ और 2020-21 में 960 करोड़ बजट का प्रावधान रखा था। हालांकि अनुसूचित जाति के छात्रों को एक रुपया भी जारी नहीं किया गया जिसने 4 लाख छात्रों के भविष्य को नष्ट कर दिया है। अब सरकार ने घोषणा कर एस.सी. समुदाय को मूर्ख बनाने की कोशिश की है, जिसमें अगले शैक्षणिक वर्ष से पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप मिलेगी।
टीनू ने कहा कि यही नहीं मुख्यमंत्री ने अगले वित्तीय वर्ष से पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना की घोषणा की है। दावा किया है कि प्राइवेट शिक्षण संस्थान योजना की लागत का 40 फीसदी वहन करेंगे। संस्थाओं ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वे ऐसा नहीं करेंगे। इसका साफ मतलब है कि घोषणा करने से पहले उनसे सलाह भी नहीं ली गई थी। इससे पता चलता है कि सरकार दलित समुदाय के प्रति कितनी गंभीर है।
मुख्यमंत्री से पूछा कि वे दलित छात्रों को बताएं कि नौ माह पहले केंद्र द्वारा उनकी भलाई के लिए भेजे गए 309 करोड़ उन्हें क्यों नहीं बांटे गए थे। टीनू ने दलित छात्र को दिए जाने वाले पैसों में दो लाख की कमी के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जिन्होंने पढ़ाई पूरी कर ली है, उन्हें भी परेशानी हो रही है। गुरु नानक देव यूनिवॢसटी द्वारा दलित छात्रों की 10 हजार डिग्रियां रोक दी थी, क्योंकि स्कॉलरशिप फीस पंजाब सरकार ने संस्थानों को जमा नहीं की थी।