डेराबस्सी व जीरकपुर की तहसीलों में इंतकाल के नाम पर हो रही लूट

Sunday, Oct 17, 2021 - 10:00 PM (IST)

जीरकपुर,  (गुरप्रीत): डेराबस्सी व जीरकपुर की तहसीलों में लोगों के साथ इंतकाल के नाम पर लूट हो रही है। तहसीलों में बैठे दलाल लोगों को इंतकाल देने के नाम पर पैसे वसूल रहे हैं और तहसीलदार तथा नायब तहसीलदार जानबूझ कर अनजान बन रहे हैं। जैक रैजीडेंट वैल्फेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुखदेव चौधरी ने तहसीलों में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने तथा जिला उपायुक्त से मुलाकात करने का ऐलान करते हुए बताया कि जैक के पास बहुत से लोगों की शिकायतें आ रही हैं। शिकायतों के आधार पर जब खुद तहसीलों में जाकर पता किया गया तो एक बड़ा घोटाला सामने आया है।

 

पंजाब सरकार द्वारा तय किए गए नियमों के अनुसार जब भी कोई व्यक्ति रजिस्ट्री करवाता है तो इंतकाल की फीस उसके पास से रजिस्ट्री फीस में ही ले ली जाती है। इसके बावजूद जीरकपुर व डेराबस्सी तहसीलों में बैठे दलालों द्वारा इंतकाल के लिए अलग से दो हजार रुपए लिए जा रहे हैं, जो लोग यह पैसा नहीं देते हैं उन्हें इंतकाल के लिए महीनों लटकाया जाता है। चौधरी ने इंतकाल देने को राइट टू सर्विस के माध्यम से सख्ती से लागू करने मांग करते हुए कहा कि कहा कि आम लोगों को जागरूक करने तथा तहसीलों में फैले भ्रष्टाचार को बंद करवाने के लिए जैक रैजीडेंटस वैलफेयर सोसायटी के प्रतिनिधियों द्वारा जिला उपायुक्त के साथ मुलाकात की जाएगी। 


क्या है इंतकाल
किसी भी लैंड या बिल्डिंग की रजिस्ट्री करवाते समय दस्तावेजों के तीन सेट तैयार किए जाते हैं। सब-रजिस्ट्रार इन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के साथ ही पार्टी की फोटो खींचकर उक्त दस्तावेजों में से एक सेट खरीदार को दे देता है। इसी संपत्ति का एक सेट सब-रजिस्ट्रार के कार्यालय के रिकॉर्ड में रख देता है, जबकि इसकी तीसरी कॉपी, जिसे पर्चा रजिस्ट्री भी कहते हैं, ऑफिस कानूनगो को भेज देता है। ऑफिस कानूनगो इसे आगे हलका कानूनगो और हलका काननूगो इस दस्तावेज को संबंधित हलके के पटवारी को भेज देता है। ताकि इंतकाल दर्ज किया जा सके। इसके बाद रजिस्ट्री का इंतकाल उपभोक्ता को देना होता है।


रिश्वत के आरोप में पकड़ा जा चुका है पटवारी
चौधरी ने कहा कि हालही में एक पटवारी इस तरह के मामले में रिश्वत लेते पकड़ा जा चुका है। बावजूद तहसीलों में लोगों से पैसा वसूल किया जा रहा है। पिछले साल कोरोना के बावजूद सरकार ने फीस को बढ़ाकर 600 रुपए कर दिया था, जिसे रजिस्ट्री में ही जोड़ा जाता है। इसके बावजूद यहां से दो से तीन हजार रुपए लिए जा रहे हैं। अब जैक न केवल विजिलैंस ब्यूरो को इस बारे में शिकायत करेगी, बल्कि स्टिंग ऑप्रेशन करके ऐसे भ्रष्टाचारियों को पकड़वाया जाएगा।

Chander

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