‘फीसों में राहत के मामले में हो रहा भेदभाव’

Thursday, Oct 31, 2019 - 12:15 PM (IST)

चंडीगढ़(भुल्लर) : पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से अब आमदनी में और वृद्धि के लिए सरकारी सहायता और मान्यता प्राप्त स्कूलों के 8वीं और 5वीं कक्षा के गरीब विद्यार्थियों को भी नहीं बख्शा जा रहा। 

आर.टी.ई. कानून के तहत फीसों बाबत सरकारी स्कूलों में नियम लागू होते हैं वही एडिड स्कूलों में भी लागू होते हैं। सरकारी स्कूलों के 8वीं और 5वीं के विद्यार्थियों को रजिस्ट्रेशन और वार्षिक बोर्ड परीक्षाओं की फीसों से राहत दे दी है परंतु पंजाब बोर्ड एडिड स्कूलों के विद्यार्थियों पर फीसें थोप सौतेला व्यवहार कर रहे हैं, जो निंदनीय है।

तुगलकी फरमान जारी करने की घोर निंदा की : 
गवर्नमैंट एडिड स्कूल्ज प्रोगै्रसिव फ्रंट पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष उपजीत सिंह बराड़, प्रैस सचिव गुरदीश सिंह, संगठन सचिव  नेत सिंह धालीवाल, प्रिंसीपल के.के. शर्मा, प्रेम शर्मा अमृतसर, प्रिंसीपल अंजू कौड़ा, प्रिंसीपल धरमिंदर सिंह फतेहगढ़ साहिब, जसविंदर सिंह रंधावा, हरदेव सिंह और प्रिंसीपल के.के. शर्मा खन्ना ने सांझे बयान में बोर्ड की ओर से 8वीं  और 5वीं की फीसों संबंधी तुगलकी फरमान जारी करने की घोर निंदा करते हुए आगे बताया कि बोर्ड आर.टी.ई. कानून के सभी नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है। 

यह सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल भी पहली से 8वीं तक सरकारी स्कूलों की तरह फीस नहीं लेते परंतु सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों से रजिस्ट्रेशन या परीक्षा के लिए फीस नहीं ली जा है परंतु एडिड स्कूलों में पढ़ रहे 8वीं और 5वीं कक्षाओं के गरीब विद्यार्थियों और उन पर आर्थिक बोझ डाल कर पंजाब बोर्ड ने अपने दिवालियापन होने की पहचान करवा दी है।

Priyanka rana

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