संकट में सिद्धू: मोहाली में फिर लगे पोस्टर, पूछा कब छोड़ रहे हो सियासत

Friday, Jun 21, 2019 - 04:32 PM (IST)

मोहाली (एचएस जस्सोवाल): कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन से उलझने के बाद अब सिद्धू के लिए नया पंगा खड़ा हो गया है। मोहाली के फेस-3 में शरारती तत्वों ने सिद्धू के खिलाफ पोस्टर लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में उन्होंने सिद्धू को पूछा है कि सियासत कब छोड़ रहे है। दरअसल, लोकसभा चुनाव के प्रचार में नवजोत सिद्धू ने कहा था कि अगर राहुल गांधी अमेठी में हार जाते हैं, वे राजनीति से इस्तीफा दे देंगे। इन पोस्टरों पर लिखा गया है कि सिद्धू जो आपने वादे किया था वो कब पूरा करोगे और कब इस्तीफा दोगे यह पोस्टर किस व्यक्ति ने लगाए हैं यह अभी पता नहीं लग सका है।

कैप्टन और सिद्धू में चल रहा है शीतयुद्ध...
यह पोस्टर ऐसे वक्त में लगाए गए हैं जब सूबे के सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह और नवजोत सिद्धू के बीच शीतयुद्ध छिड़ा हुआ है। लोकसभा चुनाव के बाद कैप्टन ने पंजाब में चार सीटें हारने का ठीकरा सिद्धू के सिर पर फोड़ा था। इसके बाद सिद्धू से स्थानीय निकाय विभाग छीन लिया गया। हालांकि अपना विभाग बदले जाने के बाद उन्होंने कार्यभार नहीं संभाला। इन्हीं विवादों के बीच वह कांग्रेस के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से नई दिल्‍ली में मुलाकात कर चुके हैं। सिद्धू ने राहुल गांधी को एक पत्र भी सौंपा है और पंजाब में सरकार और पार्टी के बारे में जानकारी  दी है। 

पहले भी लग चुके हैं पोस्टर...
यह पहली बार नहीं है कि सिद्धू के खिलाफ पोस्टर वार छिड़ा है। इससे पहले भी पुलवामा हमले के बाद विवादित बयान देने के बाद सिद्धू और पाकिस्तानी जनरल कमर जावेद बाजवा की तस्वीर वाले पोस्टर लगाए गए थे। इसमें सिद्धू को दलाल बताया गया था। पोस्टरों में सिद्धू को पाकिस्तानी जनरल कमर जावेद बाजवा से गले मिलते दिखाया गया था। साथ ही बड़े अक्षरों में अंग्रेजी में लिखा गया था, 'दलाल सिद्धू'। 

क्या कहा था सिद्धू ने... 
गौरतलब है कि पुलवामा हमले के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था, 'आखिर कब तक हमारे जवान अपनी जान देते रहेंगे, हमें इसका स्थायी समाधान निकालने के लिए बात करनी चाहिए।' उन्होंने कहा था कि इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए, गालियां देने से कुछ नहीं होगा। पाकिस्तान पर नरम रुख दिखाते हुए सिद्धू ने यह भी कहा था कि आतंकवाद का कोई देश नहीं होता, आतंकियों का कोई मजहब नहीं होता और ना ही उनकी कोई जाति होती है। 

bhavita joshi

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