पंजाब में बनेगा गुमनाम नायकों के सम्मान में स्मारक : कैप्टन

Sunday, Aug 01, 2021 - 08:56 AM (IST)

सुनाम ऊधम सिंह वाला (संगरूर)(अश्वनी/बंसल): पंजाब में जल्द ही स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों के सम्मान में एक स्मारक बनेगा। यह घोषणा शनिवार को मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह ने शहीद ऊधम सिंह की याद में राज्य स्तरीय समागम के दौरान की। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान अंडेमान की सैलुलर जेल में जानें न्यौछावर करने वाले अनगिनत गुमनाम नायकों की लंबी फेहरिस्त है। पंजाब में बनने वाला यह स्मारक वतन के परवानों को समर्पित होगा, जिनको काले पानी के तौर पर जानी जाती बेरहम सजा भुगतनी पड़ी।

 

राज्य स्तरीय समागम के दौरान शहीद ऊधम सिंह स्मारक लोगों को समर्पित करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वह 1980 में लोकसभा मैंबर थे तो उन्होंने कहा था कि जब उनको मौका मिलेगा तो ऐसी ही एक यादगार बनाएंगे और उनको यह मौका मिला और आज शहीद की यादगार लोगों के लिए बन चुकी है। अपने पिछले कार्यकाल के दौरान अंडेमान टापू में सैलुलर जेल के दौरे को याद करते हुए कहा कि उनको यह जानकर बहुत हैरानी हुई कि वहां दीवारों पर शहीदों के खुदे हुए नामों में से वह किसी को भी नहीं जानते थे। ये शहीद काले पानी की सजा भुगतते हुए गुमनामी में ही इस जहान से चल गए और उनकी यादें भी जेल तक ही सीमित होकर रह गईं। मातृभूमि के लिए बलिदान देने वालों को अपेक्षित सम्मान देना हमारा फर्ज बनता है।

 

स्कूल शिक्षा और लोक निर्माण मंत्री विजय इंद्र सिंगला ने कहा कि शहीद ऊधम सिंह जी की शहादत ने देश और दुनिया को सांझेदारी और राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया है। उनको श्रद्धांजलि भेंट करते हुए सिंगला ने कहा कि अपना नाम राम मोहम्मद सिंह आजाद के तौर पर बदलना शहीद ऊधम सिंह के धर्म निरपेक्षता के संदेश को दर्शाता है। जिस तरह 21 साल बाद ऊधम सिंह ने माइकल ओडवायर को मार कर बदला लिया वह हमारी आने वाली पीढिय़ों को देश के आत्मसम्मान की रक्षा और सेवा करने के लिए प्रेरित करता रहेगा।

 

सिंगला ने कहा कि देश-भक्तों और शहीदों को मान देने के लिए ज्यादातर ‘याद चिन्ह’ कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली सरकारों की तरफ से ही बनवाए गए हैं। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी, शंकर दयाल शर्मा और उस समय पंजाब के मुख्यमंत्री रहे ज्ञानी जैल सिंह की कोशिशों से ही लगभग 40 साल बाद उनकी अस्थियां देश में लाई गई थीं। दामन थिंद बाजवा ने कहा कि आज शेर-ए-पंजाब कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने सुनाम के लोगों की 70 सालों से चली आ रही मांग को पूरा किया है और अपनी बेटी दामन थिंद बाजवा का मान रखा है। 

 

शहीद के वारिसों से मिले मुख्यमंत्री 
मुख्यमंत्री शहीद ऊधम सिंह के वारिसों को भी मिले और सम्मान के तौर पर उनको शाल से सम्मानित किया जिनमें जीत सिंह, ज्ञान सिंह, रणजीत कौर, जीत सिंह पुत्र बचन सिंह, मोहन सिंह, शाम सिंह, गुरमीत सिंह और मलकीत सिंह (सभी सुनाम निवासी) शामिल थे। मुख्यमंत्री ने स्थानीय लीडरशिप को इस स्मारक का सही ढंग से रख-रखाव करने की अपील की।
 

Seema Sharma

Advertising