खैहरा-बैंस की जोड़ी ने खींचीं सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें

punjabkesari.in Monday, Dec 04, 2017 - 12:25 AM (IST)

चंडीगढ़(शर्मा): फाजिल्का अदालत द्वारा विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैहरा को जारी सम्मन मामले में पिछले एक महीने में तेजी से बदले हालात ने कैप्टन सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं। 

इस मामले के चलते खैहरा व लोक इंसाफ पार्टी प्रधान सिमरजीत सिंह बैंस की जोड़ी ने सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें खींचने में अहम भूमिका निभाई है। सोशल मीडिया विशेषकर खैहरा व बैंस के फेसबुक अकाऊंट्स के कमैंट्स पर नजर डालने से साफ है कि उनके फॉलोअर्स न सिर्फ उनके हौसले की दाद दे रहे हैं बल्कि पंजाब के हित में इस जोड़ी के लंबे समय तक बने रहने की कामना भी कर रहे हैं। हाईकोर्ट द्वारा खैहरा की पटीशन रद्द करने के बाद बैंस की ओर से जारी की गई ऑडियो सी.डी. ने जहां कांग्रेस की खैहरा को विधानसभा सत्र दौरान घेरने की रणनीति पर पानी फेर दिया वहीं मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के पश्चात खैहरा रक्षात्मक से आक्रामक स्थिति में आ गए हैं। 

यही कारण है कि खैहरा ने गत दिवस पत्रकार सम्मेलन में न्यायिक प्रक्रिया में दलाली को उजागर करती उक्त ऑडियो सी.डी. में पंजाब सरकार के एक आई.ए.एस. अधिकारी व 3 वकीलों के नामों का उल्लेख होने का भी दावा किया। खैहरा ने कहा कि एक घंटे से अधिक समय की इस ऑडियो सी.डी. के तथ्यों की जांच होने से सरकारी तंत्र की परतें खुल कर रह जाएंगी। खैहरा के इस रहस्योद्घाटन के बाद सरकार ने अपने खुफिया तंत्र के माध्यम से सी.डी. व उक्त आई.ए.एस. तथा वकीलों की कथित सांठ-गांठ से संबंधित जानकारी हासिल करनी शुरू कर दी है। हालांकि खैहरा ने किसी का नाम सार्वजनिक करने से मना करते हुए कहा कि पूर्व पी.सी.एस. अधिकारी टी.के. गोयल के पास यह जानकारी है लेकिन वह इस मामले में जानकारी जांच दौरान ही प्रदान करेंगे। 

सूत्रों के अनुसार इस सी.डी. में जिस आई.ए.एस. अधिकारी का नाम सामने आ रहा है वह पूर्व अकाली-भाजपा शासनकाल में ही पी.सी.एस. से आई.ए.एस. कैडर में प्रोमोट हुआ है तथा उसी शासनकाल में विभिन्न अनियमितताओं के चलते इन दिनों पंजाब सरकार के निशाने पर है जबकि वकीलों के संबंध पंजाब सरकार के महाधिवक्ता कार्यालय से जुड़े बताए जा रहे हैं।


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