9 महीने की इस बच्ची के इलाज न करने पर पी.जी.आई. और पंजाब सरकार से हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

punjabkesari.in Sunday, May 28, 2017 - 04:34 PM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब के अमृतसर की 9 महीने की बच्ची चाहत का वजन सबको हैरान कर देता है। मात्र 9 महीने की चाहत का वजन 20 किलो है। जिसे इलाज के लिए पी.जी.आई. लाया गया था। लेकिन गरीबी के कारण चाहत के माता पिता बच्ची के इलाज की रकम जमा नहीं करवा पाए और पी.जी.आई. ने इलाज से मना कर दिया। इस मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पी.जी.आई. और पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। 
बच्ची चाहत के माता पिता को पी.जी.आई. ने इलाज के लिए 2 लाख रुपए का अदा करने को कहा लेकिन वे असमर्थ रहे। जिस कारण उन्हें बच्ची के बिना इलाज के 16 मई को वापस अमृतसर उनके घर भेज दिया था। इस मुद्दे पर हाईकोर्ट ने अपनी प्रतिक्रिया मांगने के लिए पंजाब सरकार और पी.जी.आई. को नोटिस जारी किया गया है।

एच.एस. सिद्धू मुख्य न्यायाधीश ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बच्ची के इलाज के लिए असहाय और गरीब माता-पिता एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं। ये गरीब परिवार अमृतसर से चंडीगढ़ पी.जी.आई. आए और संस्थान ने बच्ची के इलाज के लिए इसलिए मना कर दिया गया क्योंकि परिजन इलाज की रकम अदा नहीं कर सकते थे। अपने नोट में, न्यायाधीश ने पी.जी.आई. को इस मामले से निपटने और संस्थान में गरीब रोगियों को मदद न करने पर सवाल उठाए।
न्यायमूर्ति सिद्धु के नोट में कहा गया है कि पी.जी.आई. स्टाफ और डॉक्टरों की ईमानदारी, वचनबद्धता और समर्पण पर कोई संदेह नहीं है, लेकिन इस घटना ने संस्थान को संदर्भित गरीब मरीजों के भाग्य पर सवाल उठाए हैं, जो कि अनुपचारित हैं। 

बच्ची चाहत का जन्म 24 जुलाई, 2016 को नॉर्मल डिलीवरी से हुआ था। चार महीने तक उसका वजन सामान्य था, लेकिन उसका वजन बढऩा शुरू हो गया। रिपार्ट्स के मुताबिक बच्ची का इस बीमारी का इलाज हो सकता है। नौ महीने की बच्चे का सामान्य वजन 6.6 से 10.4 कि.ग्रा. के बीच होना चाहिए लेकिन चाहत का वजन सामान्य से दो गुना ज्यादा है। बच्ची को इलाज के लिए पहले अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल ले जाया गया था, वहां से उसे पी.जी.आई. भेजा गया था। 


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