पाकिस्तान सरकार ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का नियंत्रण अपने हाथों में लिया

Wednesday, Nov 04, 2020 - 11:05 PM (IST)

नई दिल्ली/जालंधर(एन मोहन ): आखिरकार पाकिस्तान की नीति की बिल्ली थैले से बाहर आ गई है। पाकिस्तान सरकार ने करतारपुर स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब के नियंत्रण आधिकारिक तौर पर अपने हाथ में ले लिया है। अभी तक नियंत्रण पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पास था। अब ये नियंत्रण एक मुस्लिम बॉडी ' प्रोजेक्ट बिज़नेस प्लान ' को दे दिया है। सीधे रूप में पाकिस्तान सरकार ने गुरुद्वारा दरबार साहिब को व्यापारिक रूप में ले लिया है। 

पाकिस्तान सरकार पाकिस्तान से गुरुद्वारा दरबार साहिब में आने वाले श्रद्धालुओं से प्रति व्यक्ति 200 पाकिस्तानी रूपए और भारत से आने वाले श्रद्धालुओं से 20 डॉलर फीस लेती है। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने इसके लिए पाकिस्तान मंत्रिमंडल की इसी 23 अक्टूबर को हुई बैठक में लिए निर्णय का हवाला दिया है। पाकिस्तान सरकार ने इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है। करतारपुर गलियारे के माध्यम से भारत से सीधे जुड़े गुरुद्वारा करतारपुर साहिब को कोरोना काल के बाद पाकिस्तान सरकार द्वारा गत अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह में खोलने के ऐलान किया गया था। 

पाकिस्तान सरकार गुरुद्वारा करतारपुर साहिब से शुल्क के रूप में प्रति वर्ष 555 करोड़ रूपए ( पाकिस्तानी रूपए और भारतीय करेंसी के रूप में 259 करोड़ रूपए ) की आय के रूप में देख रही थी। पाकिस्तान सरकार ने जो करतारपुर गलियारा और गुरुद्वारा साहिब पर राशि खर्च की थी, उसे लेकर वहां की सरकार पर प्रश्न उठने लगे थे। सरकार के नए निर्णय को गुरुद्वारा करतारपुर साहिब को व्यापारिक रूप में लिया जा रहा है। ऐतहासिक स्थान को इस रूप में तब्दील किए जाने को लेकर तीखी प्रतिक्रिया उठने लगी है।

Pardeep

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