फतेहवीर सिंह के पोस्टमार्टम को PGI के डॉक्टरों ने किया मना, पुलिस रिक्वेस्ट के बाद माने

Wednesday, Jun 12, 2019 - 08:50 AM (IST)

चंडीगढ़ (पाल) : पंजाब के संगरूर में पांच दिन से गहरे बोरवैल में फंसा फतेहवीर जिंदगी की जंग हार गया। फतेहवीर को मंगलवार सुबह 110 घंटे बाद करीब 150 फीट गहरे बोरवैल से निकाला गया, जिसके बाद उसे सुबह 7.30 बजे पी.जी.आई. के एडवांस पैडीएट्रिक एमरजैंसी वार्ड में लाया गया। डाक्टरों ने इलाज के दौरान पाया कि फतेहवीर की न तो पल्स, रैसपिरेटरी और न ही हार्ट बीट चल रही थी। 

 

डाक्टरों ने उसे ब्रॉट डैड घोषित कर दिया। बाहर का केस, ब्रॉट डैड होने के बाद पी.जी.आई. पहुंचने के कारण जब पोस्टमार्टम की बात आई तो डाक्टरों ने मना कर दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम  की रिक्वैस्ट की, जिसके बाद स्पैशल टीम बनाकर पोस्टमॉर्टम किया। 

5 दिन से नहीं खाया था खाना
फतेहवीर को बोरवैल से बाहर निकालने के लिए 5 दिन से प्रशासन ने ऑप्रेशन चलाया था, लेकिन कामयाबी नहीं मिल रही थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि बच्चेे की मौत हाईपोक्सिया (ऑक्सीजन न मिल पाने) के कारण हुई है। उसकी मौत भी 3-4 दिन पहले ही हो चुकी थी।

 

5 डाक्टरों ने किया पोस्टमार्टम
फतेहवीर का पोस्टमार्टम 5 डॉक्टरों के पैनल द्वारा किया गया, जिसमें डा. आई.एस. बंसल, डा. सेनथिल कुमार ने ऑटोप्सी की। पोस्टमॉर्टम के बाद बच्चे का शव परिजनों को सौंप दिया गया। डाक्टरों ने रिपोर्ट बनाकर इन्वैस्टीगेशन ऑफिसर को दी। 

इस दौरान पंजाब सरकार की ओर से मोहाली के एस.डी.एम. मौजूद रहे, जबकि फतेहवीर के दादा भी पोस्टमार्टम के वक्त अंदर ही मौजूद रहे। पोस्टमार्टम कर्मियों के मुताबिक, शव काफी बुरी हालत में उनके पास लाया गया है और बॉडी में से बदबू भी आ रही थी।

 

विरोध को देखते हुए बैक साइड से भेजा शव 
पी.जी.आई. में कई लोग जमा हो गए थे। उनमें रोष था कि फतेहवीर को बचाने की पूरी कोशिश नहीं की गई। भीड़ को देखते हुए चंडीगढ़ पुलिस व पंजाब पुलिस एक बड़ी टीम यहां तैनात रही। 

 

आम आदमी पार्टी के नेता हरपाल चीमा व अकाली दल के परविंदर ढींढ़सा यहां पहुंचे। लोगों ने इनके खिलाफ नारेबाजी की। भीड़ को बेकाबू होते देख पोस्टमार्टम के बाद बैक साइड से फतेह के शव को भेजा गया।

pooja verma

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