पित्ता फटने के बावजूद भी किया डिस्चार्ज, परिजनों ने लगाया डाक्टरों पर आरोप

Wednesday, Mar 04, 2020 - 01:23 PM (IST)

श्री माछीवाड़ा साहिब(टक्कर) : पंजाब के सरकारी अस्पतालों में हो रही लापरवाहियों की खबरें तो प्रकाशित होती ही रहती हैं परन्तु स्वास्थ्य को लेकर केवल पंजाब ही नहीं बल्कि चंडीगढ़-32 सैक्टर के सीविल अस्पताल में मौजूद डाक्टर भी मरीजों की जिंदगियों से खिलवाड़ करते हैं। जिस का खमियाजा उपचार के लिए आए मरीज व परिजनों को भुगतना पड़ता है। इसी तरह का मामला माछीवाड़ा में रहने वाले मरीज के साथ हुआ और उसके पिता ने चंडीगढ़ के सिविल अस्पताल के डाक्टरों पर आरोप लगाया कि उनके बेटे का पित्ता फटने पर भी डिस्चार्ज कर घर को भेज दिया गया। 

दीपक चंदेल के छोटे बेटे साहिल कुमार की गत दिनों पेट दर्द होने से तबीयत खराब हो गई। जिसे तुरंत स्थानीय सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया परन्तु वहां डाक्टरों की ओर से मरीज को चंडीगढ़ के सिविल अस्पताल में रैफर कर दिया गया। वहां पर डाक्टरों की ओर से उसका उपचार तो शुरू कर दिया लेकिन पांच दिन दाखिल करने के उपरांत उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। डाक्टरों को जब साहिल कुमार की बिमारी के बारे में पूछा गया तो डाक्टरों ने बताया कि इसका पित्ता फट गया था, जिसे दवाईयों से ठीक कर दिया है और करीब 6 सप्ताह के बाद इसकी सर्जरी कर दी जाएगी। 

मरीज को वापिस माछीवाड़ा में लाया गया परन्तु उसकी हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती गई। परिजन फिर से एक बार अपने बेटे को चंडीगढ़ ले गए परन्तु वहां उसे पैन किल्लर देकर उसे फिर से छुट्टी दे दी गई। जिसे दोबारा फिर माछीवाड़ा लाया गया। हालत बिगड़ती देख परिजनों साहिल को दोराहा के एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया। जहां डाक्टर उसकी ऐसी हालत देखकर हैरान रह गए और दो दिन दाखिल करने के बाद उसका आप्रेशन किया गया। 

आप्रेशन के उपरांत डाक्टरों ने बताया कि मरीज का पित्ता पूरी तरह फट गया था और समय रहते इसका अप्रेशन हो गया है। आप्रेशन के उपरांत अब कुछ दिनों से मरीज की हालत ठीक होने लगी है परन्तु सिविल अस्पताल चंडीगढ़-32 के डाक्टरों की ओर से इसकी हालत बिगाडऩे में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। जिस कारण मरीज डेंजर जोन में चला गया था। परिवार वालों की ओर से 104 पर भी इस लापरवाही की शिकायत दर्ज करवाई गई है परन्तु अभी तक कोई भी परिणाम सामने नहीं आया। 

इस संबंध में जब सिविल अस्पताल चंडीगढ़ के सर्जरी हैड डा. ए.के. अत्तरी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि मामला उनके ध्यान में नहीं है और वह इस मामले की गहराई से जांच करवाएंगे। अगर डाक्टरों की ओर से लापरवाही की गई है तो उनके खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी। 

नहीं चला आयुष्मान कार्ड :
पत्रकारों को पंजाब सरकार की ओर से फ्री मैडीकल सुविधा देने के लिए आयुशमान कार्ड बनाए गए हैं परन्तु यह कार्ड केवल नाम के ही रह जाते हैं, जब इनकी जरूरत पड़ती है। चंडीगढ़ में अपने बेटे साहिल को दाखिल करवाने के उपरांत दीपक चंदेल की ओर से डाक्टरों से आयुष्मान का पैकेज लेने की बात की गई तो डाक्टर पांच दिन तक टालते ही रहे। 

शनिवार को दाखिल करवाने के लिए डाक्टरों ने कहा कि आज शनिवार है, जिस कारण आयुष्मान नहीं चलेगा और सोमवार को जब काऊंटर खुलेगा तो फिर करवा लेना परन्तु सोमवार को भी डाक्टरों ने पैकेज के लिए कोई रिपोर्ट तैयार नहीं की। जिसके कारण आयुष्मान कार्ड केवल सरकार की ओर से पत्रकारों को दी गई फ्री मैडीकल सेवा एक मजाक साबित हो रही है।

Priyanka rana

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