चितकारा यूनिवर्सिटी ने किया फार्माकोविजिलेंस एंड क्लीनिकल रिसर्च में 2 साल के एमएससी प्रोग्राम शुरू

punjabkesari.in Friday, Aug 28, 2020 - 03:15 PM (IST)

चंडीगढ़: चितकारा यूनिवर्सिटी इस क्षेत्र की पहली यूनिवर्सिटी बन गई है जिसने फार्माकोविजिलेंस एंड क्लीनिकल रिसर्च में 2 साल का एमएससी प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा की है। यह प्रोग्राम दुनिया में स्वास्थ के क्षेत्र में नई थेरेपीज़ के लिए मशहूर क्लीनिकल रिसर्च आर्गेनाइजेशन पेरेक्सेल इंटरनेशनल के साथ मिलकर शुरु किया जा रहा है। फार्माकोविजिलेंस इंडस्ट्री में प्रतिभा की कमी को दूर करने के साथ साथ भारत में रिसर्च के लिए नई क्षमताओं को विकसित करने में यह प्रोग्राम मदद करेगा।  

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फार्माकोविजिलेंस एंड क्लीनिकल रिसर्च में 2 वर्षीय मास्टर डिग्री प्रोग्राम कुशल और सक्षम पेशेवरों को तैयार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो भारत के साथ साथ दुनिया भर में अग्रणी फार्मा कंपनियों और क्लीनिकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (सीआरओ) के फार्माकोविजिलेंस विभागों में विभिन्न स्तरों पर प्रभावी ढंग से काम कर सकते हैं। पेरेक्सेल एक अग्रणी क्लीनिकल रिसर्च आर्गेनाइजेशन हैं जो कि इंडस्ट्री में पेरेक्सेल एकेडमी के तहत क्यूरीकुलम सपोर्ट करता है। 

 

चितकारा व पेरेक्सेल के बीच में हुए सहयोग पर टिप्पणी करते हुए, कंपनी के इंडिया कंट्री हेड, हैड सीटीएस एंड एल व सीनियर वाइस प्रेसीडेंट संजय व्यास ने कहा कि क्लीनिकल आपरेशन हब के रूप में तेजी से विकसित हो रहे भारत पर उनका हमेशा ही फोकस रहा है जिसके तहत वैश्विक के साथ साथ स्थानीय स्तर पर भी ड्रग डवलपमेंट में हम मदद करते हैं।  क्लीनिकल रिसर्च इंडस्ट्री ने हाल के वर्षों में जबरदस्त वृद्धि देखी है और इस विकास के लिए नई प्रतिभा की आवश्यकता है जो कि नई थेरेपीज को लाने में मदद कर सके जो कि भारत में नई रिसर्च के भविष्य को न सिर्फ तय करेगी बल्कि मरीजों की जरूरतों को भी पूरा करेगी।  

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चितकारा यूनिवर्सिटी की प्रो चांसलर डॉक्टर मधु चितकारा ने कहा कि दो साल का एमएससी प्रोग्राम इन फार्माकोविजिलेंस एंड क्लिनिकल रिसर्च, पेरेक्सेल के सहयोग से पेश शुरु किया गया है। यह प्रोग्राम चितकारा यूनिवर्सिटी के उन अनवरत प्रयासों का नतीजा है जिसके तहत इंडस्ट्री के लीडर्स के साथ मिलकर ऐसे प्रोग्राम शुरु किए जाते हैं जिनसे देश की स्थानीय प्रतिभा को निखारने में मदद मिल सके और देश को मजबूत करने में योगदान दे सके। 

 

 चितकारा यूनिवर्सिटी प्रधानमंत्री आत्मानिर्भर भारत  मिशन के प्रति अपने समर्थन को मजबूती से दोहराता है और यह सहयोग सुनिश्चित करेगा कि पाठ्यक्रम गतिशील हो और लगातार विकसित हो रहे उद्योग रुझानों के अनुरूप रहे। छात्रों को इस डिग्री के दौरान उद्योग की सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं  को सीखने का मौका मिलेगा।  इस पाठयक्रम के जरिए छात्रों को फार्माकोविजिलेंस कॉम्पिटीशन फ्रेमवर्क (पीसीएफ) के आधार पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मापदंडों व पाठ्यक्रमों  के तहत  इंडस्ट्री के लीडर्स के हाथों से ट्रेनिंग करने का मौका मिलेगा।


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vasudha

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