एल.पी.यू. के चांसलर व राज्यसभा सांसद डॉ. अशोक कुमार मित्तल प्रधानमंत्री मोदी से मिले
punjabkesari.in Thursday, Aug 10, 2023 - 10:41 PM (IST)
जालंधर, (दर्शन): लवली प्रोफैशनल यूनिवॢसटी के चांसलर व राज्यसभा सांसद डॉ. अशोक कुमार मित्तल ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान डॉ. मित्तल ने प्रधानमंत्री को वर्ष 2019 में एल.पी.यू. में आयोजित इंडियन साइंस कांग्रेस के दौरान उनकी यात्रा की याद दिलाई, जहां उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय को संबोधित किया था और ‘जय अनुसंधान’ का नारा भी दिया था।
डॉ. मित्तल ने उच्च शिक्षा में रिसर्च और इनोवेशन तथा आॢथक वृद्धि और विकास को बढ़ावा देने के लिए इंडस्ट्री-एकैडेमिया तालमेल को मजबूत करने के महत्व पर अपने विचार सांझा किए। उन्होंने उल्लेख किया कि कैसे एल.पी.यू. अपने विद्याॢथयों को उद्योग-प्रासंगिक शिक्षा और ट्रेङ्क्षनग प्रदान करके नैशनल स्किल डिवैल्पमैंट मिशन में योगदान दे रही है। डॉ. मित्तल ने शिक्षा क्षेत्र को निरंतर समर्थन के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया और सरकार की नई शिक्षा नीति (एन.ई.पी.) पहल के लिए भी प्रशंसा की।
उन्होंने प्रधानमंत्री को सूचित किया कि वह स्वयं तथा एल.पी.यू. एन.ई.पी. नीति के लिए सरकार द्वारा उचित समझी जाने वाली किसी भी भूमिका को निभाने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे। डॉ. मित्तल और उनकी पत्नी श्रीमती रश्मी मित्तल ने उन्हें एक गुलदस्ता भेंट किया और पंजाब की हाथ से बुनी फुलकारी ओढ़ाकर सम्मान किया, जबकि उनकी पुत्री सृष्टि और दामाद श्रेष्ठ खेतान ने एक चित्र, जिसमें पी.एम. मोदी के साथ उनकी स्व. मां की तस्वीर थी, भेंट किया।
इसके अलावा डॉ. मित्तल ने अपने पुत्र प्रथम मित्तल के साथ पी.एम. मोदी को एक चित्रकारी भी भेंट की जिसे एल.पी.यू. के एक विद्यार्थी ने चित्रित किया था। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने विनम्रता से श्रेष्ठ खेतान के दादा मुरली धरन खेतान की एक पुस्तक पर हस्ताक्षर किए। पी.एम. मोदी ने मित्तल परिवार के साथ काफी समय बिताया और शिक्षा और विकास से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की। उन्होंने डॉ. मित्तल के विचारों की सराहना की और कहा कि शिक्षा सुधार उनके दिल के बहुत करीब हैं।
उन्होंने प्रगति और विकास को बढ़ाने में साइंस और टैक्नोलॉजी के महत्व को स्वीकार किया और बताया कि कैसे कृषि, रक्षा और स्वास्थ्य सेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के इस महत्व पर जोर देने के लिए ही ‘जय जवान’, ‘जय किसान’, और ‘जय विज्ञान’ के नारे में ‘जय अनुसंधान’ का नारा जोड़ा गया।
