रॉबर्ट वाड्रा जमीन मामले में जांच बदले की राजनीति: हुड्डा

Monday, Jul 13, 2015 - 12:46 PM (IST)

जालंधर(धवन): हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंद्र सिंह हुड्डा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने रॉबर्ट वाड्रा जमीन मामले में जांच के आदेश केवल अपनी खानापूर्ति करने के लिए दिए हैं क्योंकि इस मामले में सरकार के हाथ कुछ भी लगने वाला नहीं है।

जालंधर में विशेष बातचीत करते हुए हुड्डा ने बताया कि भाजपा काफी समय से रॉबर्ट वाड्रा के मामले को उछाल रही थी। इसी मुद्दे पर उसने विधानसभा चुनाव लड़ा। इसलिए इस मुद्दे को लेकर जांच के आदेश देना खट्टर सरकार की मजबूरी बन गई थी। हुड्डा ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए कोई भी गलत कार्य नहीं किया।

रॉबर्ट वाड्रा जमीन मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वाड्रा परिवार ने जमीन प्राइवेट व्यक्तियों से खरीदी थी। बाद में उन्होंने यह जमीन डी.एल.एफ. को बेच दी। इसमें सरकार की कोई भी भूमिका नहीं थी। उन्होंने बताया कि जमीन की खरीद-फरोख्त के समय हरियाणा सरकार को पूरी स्टांप ड्यूटी का भुगतान किया गया था। यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इशारों पर मुख्यमंत्री खट्टर ने जांच के आदेश दिए हैं, उन्होंने कहा कि इस बारे में फिलहाल वह कुछ नहीं कह सकते परंतु इतना साफ है कि जमीन मामले में कोई भी अनियमितता नहीं हुई।

पंजाब-हरियाणा के बीच अंतर्राज्यीय विवाद का कोर्ट करेगा निपटारा
हुड्डा ने पंजाब व हरियाणा के बीच अंतर्राज्यीय विवादों का जिक्र करते हुए कहा कि इनका निपटारा केवल सुप्रीम कोर्ट में ही हो सकता है। दोनों राज्यों को सबसे पहले जल संबंधी विवाद को हल करना चाहिए।

अब जनता खट्टर सरकार के खिलाफ

उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद पहले 6 महीने तक भाजपा सरकार के पक्ष में हवा चल रही थी, जिसका हरियाणा में कांग्रेस को नुक्सान उठाना पड़ा। अगर हरियाणा चुनाव केंद्र में मोदी सरकार बनने के एक वर्ष बाद होते तो भाजपा की मजबूती का सवाल ही पैदा नहीं होना था।

हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। जब कांग्रेस सरकार थी तो उसने गुंडा तत्वों पर प्रभावी ढंग से रोक लगा दी थी। अब भाजपा सरकार के शासनकाल में अपराधी तत्वों ने फिर से सिर उठाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि अगले एक वर्ष के अंदर हरियाणा के लोग भी खट्टर सरकार के खिलाफ हो जाएंगे। जनता का मोह भंग होना शुरू हो गया है। जनता स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रही है।

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