लड़कियों का प्रेमियों के साथ विवाह करवाना माता-पिता के लिए बन रहा भारी चुनौती

punjabkesari.in Wednesday, Jul 08, 2015 - 02:05 AM (IST)

घनौली: इसमें संदेह नहीं है कि भारतीय संविधान में लड़कियों के लिए अपनी मर्जी का वर ढूंढ कर शादी करवाने के लिए विशेष नियम बनाए गए है। लेकिन जब माता-पिता की 20-25 वर्षों की कमाई यानि 20-25 वर्ष तक अपनी बेटी की पढ़ाई-लिखाई तथा पालन पोषण करना उस समय भारी बोझ बन जाता है जब लड़की माता-पिता को बिना बताए अपने घर से प्रेमी के संग फरार हो जाती है। 
 
बेचारे माता-पिता अभी तक अपनी बेटी की गुमशुदगी संबंधी पुलिस चौकी या थाने में रिपोर्ट दर्ज ही करवाते है कि उन्हें अपनी लड़की द्वारा ही अपने प्रेमी संग मिल उस समय और शर्मिंदा होना पड़ता है जब उनकी लड़की पुलिस चौकी या थाने में अपने विवाह का सर्टिफिकेट भेज कर अपने माता-पिता तथा भाइयों आदि पारिवारिक सदस्यों से सुरक्षा की मांग करती है। घनौली क्षेत्र में तो ऐसे अनेकों मामले सामने आए है जहां माता-पिता को अपनी बेटी द्वारा ही जलील होना पड़ा है। 
 
यहां पर यह वर्णनीय है कि कुछ मामले तो नूहों कालोनी में भी सामने आए हैं कि माता-पिता ने अपनी लड़की का विवाह करने के लिए तारीख भी निश्चित कर दी थी तथा गहने वगैरा भी तैयार करवा लिए थे लेकिन विवाह के कुछ दिन पहले ही लड़की माता-पिता की इज्जत को ताक में रख कर घर से गहने तथा रूपए लेकर ही प्रेमी संग फरार हो गई और प्रेम विवाह करवा लिया। 
 
गत दिवस एक ऐसा मामला सामने आया कि लड़की ने लगभग एक वर्ष पहले कोर्ट मैरिज करवा ली थी तथा घर में एक वर्ष तक रहने के बाद कुछ दिन पहले उक्त प्रेमी संग फरार हो गई। घरवालों ने पुलिस में सूचना दी तथा घनौली पुलिस ने भी माता-पिता की शिकायत पर मुस्तैदी से काम किया लेकिन पुलिस भी उस समय विवश हो गई जब उन दोनों ने अपना एक वर्ष पुराना मैरिज सर्टिफिकेट पुलिस के हवाले कर दिया। इसलिए लड़की को यदि इतना बड़ा कदम उठाना ही है तो उसे माता-पिता को जोर का झटका धीरे से न लगे।
 
क्या कहना था चौकी इंचार्ज का
जब लड़की अपने माता-पिता के सामने पुलिस चौकी से ही अपने तथा कथित प्रेमी के साथ विदा हुई तो चौकी इंचार्ज से पूछने पर उन्होंने बताया कि उक्त दोनों ने अपना मैरिज सर्टिफिेट दिखा दिया तो हम तो कानून के साथ बंधे हुए है। उन्हें रोक नहीं सकते थे। उन्होंने कहा कि लड़की के माता-पिता को पढ़ाई-लिखाई की तो कोई चिंता नहीं है क्योंकि सरकार ने लड़की के लिए तो काफी रियायतें की हुई है लेकिन डर तो इसी बात का है कि वह कहीं अपने माता-पिता को कहीं धोखा न दे जाए। 
 
क्या कहना है समाज सेवकों का
इस संबंध में घनौली के समाजसेवक बालकिशन बिट्टू व प्रदीप कुमार का कहना है कि अपना जीवन साथी चुनना लड़की का अधिकार है लेकिन लड़की को अपने माता-पिता को उक्त बात के लिए मानसिक तौर पर तैयार करना उसका फर्ज है ताकि माता-पिता का उसके पालन पोषण का पछतावा न रहे।

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