स्मार्ट सिटी के लिए जालंधर और मोहाली में आज होगा मुकाबला

punjabkesari.in Tuesday, Jul 07, 2015 - 01:07 PM (IST)

जालंधर (खुराना): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के लिए राज्य सरकार के पास दावा जताने हेतु पंजाब के 6 शहरों के प्रतिनिधि चंडीगढ़ में होने जा रही उच्च स्तरीय बैठक में अपना-अपना प्रस्ताव पेश करेंगे।

सूत्रों की मानें तो पंजाब को मिली 3 स्मार्ट सिटी में से अमृतसर और लुधियाना का नंबर लगना तय माना जा रहा है। अमृतसर जहां स्वर्ण मंदिर आदि होने के कारण हैरीटेज सिटी का विशेष दर्जा रखता है वहीं लुधियाना को पंजाब की औद्योगिक राजधानी तथा मिनी कैलीफोर्निया के रूप में जाना जाता है। 

तीसरी स्मार्ट सिटी के लिए वैसे तो पटियाला और भटिंडा भी मैदान में हैं परंतु असली मुकाबला जालंधर और मोहाली के बीच में है। गौरतलब है कि इंटर स्टेट प्रतियोगिता के तहत स्मार्ट सिटी का दावा पेश करने वाले शहरों को उन 15 प्वाइंट्स पर अपनी परफार्मैंस दिखानी होगी जो पहले चरण में निश्चित की गई हैं। इसमें वर्तमान निगमों की कार्यप्रणाली, शहर की नागरिक व्यवस्था और ई-प्रणाली जैसे विषयों को अधिमान दिया गया है। 

पंजाब की ओर से इस मिशन का डायरैक्टर वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारी बालामुरुगम को बनाया गया है जिनकी पूरी टीम सभी शहरों द्वारा पेश किए गए दावों की सत्यता की जांच करने के अलावा उन्हें नंबर अलाट करेगी जिसके बाद स्मार्ट सिटी बनने का पहला चरण पूरा होगा और फिर इसे राज्य सरकार की ओर से शहरी विकास मंत्रालय को भेजा जाएगा। 

अत: माना जा रहा है कि 7 जुलाई को चंडीगढ़ में होने जा रही उच्च स्तरीय बैठक पंजाब के 3 शहरों के भाग्य को निर्धारित करेगी और यह बैठक पर निर्भर होगा कि यदि अकालियों की चली तो स्मार्ट सिटी हेतु मोहाली का दावा मजबूत रहेगा और यदि भाजपाईयों ने स्टैंड लिया तो स्मार्ट सिटी के लिए जालंधर का नम्बर लग सकता है।

मोहाली में शामिल होगा न्यू चंडीगढ़
चंडीगढ़ के साथ लगते नियोजित शहर मोहाली को यदि स्मार्ट सिटी के दायरे में आना है तो उसे अपने साथ न्यू चंडीगढ़ का क्षेत्र भी शामिल करना होगा और सरकार भी ऐसा करना चाह रही है। हालांकि मोहाली जनसंख्या के मामले में शायद निर्धारित शर्त को पूरा नहीं करता परन्तु प्रोजैक्ट अलॉट करते समय इस शर्त को नजरअंदाज भी किया जा सकता है। 

बादल सरकार ने सदैव मोहाली को इन्वैस्टमैंट हेतु बेहतर शहर घोषित कर रखा है और यहां इंटरनैशनल एयरपोर्ट सहित तमाम नागरिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर जोर दिया जा रहा है। अन्य शहरों के मुकाबले मोहाली अधिक व्यवस्थित और हरा-भरा तथा चौड़ी सड़कों वाला शहर होने के कारण मजबूती से स्मार्ट सिटी होने का दम भर रहा है।

अब तक उपेक्षित ही रहा है जालंधर
एक ओर जहां मोहाली पंजाब की बादल सरकार के लिए सदैव प्राथमिकता वाला शहर रहा है वहीं जालंधर को अब तक राज्य सरकार से उपेक्षा ही झेलनी पड़ी है। गौरतलब है कि जालंधर के 9 विधानसभा क्षेत्रों में ज्यादातर विधायक भाजपा से जीते हैं परन्तु सरकारी दरबार में उनकी पूछ उतनी नहीं जितनी अकाली नेताओं की है। 

शायद इसी कारण पिछले कई सालों से जालंधर विकास के मामले में अत्यधिक पिछड़ गया और टूटी सड़कों के कारण यहां लोकसभा और निगम उपचुनावों में अकाली-भाजपा उम्मीदवारों को करारी हार तक झेलनी पड़ी। आज भी जालंधर में कुछेक मुख्य सड़कों का निर्माण प्रॉपर्टी टैक्स के पैसे से हो रहा है जबकि बाकी शहर की सड़कें अभी भी खस्ताहाल दशा में है और जालंधर निगम घोर वित्तीय संकट से जूझ रहा है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News