नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब के सियासी मंच से हुए गायब

Monday, Jul 06, 2015 - 12:46 PM (IST)

जालंधर (धवन): पंजाब के पूर्व भाजपा सांसद नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब के सियासी मंच से बिल्कुल गायब हो गए हैं। दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले अकालियों के खिलाफ जोर-शोर से गर्जने वाले सिद्धू के मुंह पर पूरी तरह से ताले लगे दिखाई दे रहे हैं।

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद सिद्धू ने आक्रामक रुख अपनाया था और चुनावों में मोदी लहर की विफलता के लिए अकाली सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। जहां बाद में सिद्धू की सेवाएं भाजपा नेतृत्व ने हरियाणा चुनावों में लीं तथा वहां भी सिद्धू ने अकालियों पर जोरदार हमले किए। 

वहीं जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में एक बार फिर सिद्धू की सेवाएं पार्टी आलाकमान द्वारा ली गई थीं। तब भी सिद्धू का अकालियों से आमना-सामना हुआ परंतु उसके बाद हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों को देखते हुए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने सिद्धू को चुप रहने के निर्देश दे दिए। 

भाजपा का नेतृत्व नहीं चाहता था कि दिल्ली में सिद्धू के कारण सिख वोट बैंक पार्टी से दूर हो। चाहे भाजपा व अकाली दल दोनों को दिल्ली में पराजय का सामना करना पड़ा परंतु भाजपा द्वारा समय-समय पर संगठन में किए गए फेरबदल के बावजूद सिद्धू को कोई भी नई जिम्मेदारी नहीं दी गई। अब भी ऐसे में जब पंजाब विधानसभा के मात्र 15-16 महीने शेष हैं, के बावजूद सिद्धू की सेवाएं सियासी तौर पर ली नहीं जा रही हैं।

आलाकमान से स्पष्ट दिशा-निर्देश न मिलने के कारण सिद्धू ने अपना पूरा ध्यान इस समय अपने करियर की तरफ लगाया हुआ है। वह टी.वी. शो के साथ-साथ क्रिकेट मैचों की कमैंट्री में दिलचस्पी ले रहे हैं। सिद्धू की कमी पंजाब के भाजपाइयों को खल रही है। सिद्धू के निकटवर्तियों का मानना है कि उन्हें जब तक केंद्रीय नेतृत्व से स्पष्ट तौर पर राज्य सरकार के खिलाफ बोलने के दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं होंगे तब तक वह चुप ही रहेंगे। कल भी भाजपा द्वारा संगठन में कुछ तबदीलियां की गईं पर उसमें भी सिद्धू का नाम गायब दिखाई दिया।

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