लोहे व प्लास्टिक से बना नींबू-मिर्च का यंत्र बुरी नजर से बचाने का कर रहा है काम
punjabkesari.in Saturday, Jun 27, 2015 - 02:10 AM (IST)
अमृतसर(कक्कड़): शनिवार के दिन शनि देवता को प्रसन्न करने के लिए घर, दुकान, फैक्ट्री आदि को किसी की भी बुरी नजर से बचाने के लिए लोग अक्सर नींबू व हरी मिर्चों को धागे में बांधकर बाहर लटका देते हैं कि व्यापार, घर, फैक्टरी आदि को किसी की बुरी नजर न लगे, लेकिन हर शनिवार अनेक लोग नींबू मिर्चों के इस व्यापार में हर शनिवार को सुबह-सुबह गली मोहल्लों, दुकानदारों, फैक्ट्रियों स्थित जाकर इन बुरी नजर से बचाने वाले नींबू-मिर्चों के यंत्र को बेचते हैं, वह लोग खुशी-खुशी शनिवार को इन नींबू मिर्चों के यंत्र को घर, दुकान, फैक्टरी आदि के बाहर लटका देते हैं। वहीं दूसरी और यह बात भी सामने है कि बुरी नजर या अच्छी नजर इस का फैसला इंसान के हाथों में नहीं, बल्कि भगवान के हाथों में होता है, प्राणी के कर्मों का लेखा-जोखा भगवान के पास होता है और इस लेखे-जोखे में नींबू-मिर्चों के यह यंत्र कुछ भी नहीं कर सकते।
वहीं एक और सच्चाई का पहलू यह भी सामने आया है कि इस समय अनेक लोग ऐसे हैं, जो प्राकृतिक नींबू-मिर्च का यंत्र इस्तेमाल नहीं करते हैं, बल्कि वे लोग भी बुरी नजर से बचाव हेतु लोहे व प्लास्टिक के बने नींबू-मिर्च के यंत्र का इस्तेमाल करते हैं। इस लोहे व प्लास्टिक के नींबू-मिर्च वाले यंत्र जिन पर लिखा होता है कि बुरी ‘नजर वाले तेरा मुंह काला’ कई घरों, दुकानों और फैक्टिरी के बाहर लगे दिखाई देते हैं।
इस बाबत जब किसी से पूछा गया कि आप असली नींबू-मिर्च को बाहर क्यों नहीं लटकाते तो जवाब मिला कि बुरी नजर क्या है, बुरी नजर किसकी लगनी है, यह हमें नहीं मालूम है और यह लोहे वह प्लॉस्टिक से बना यंत्र कभी खराब नहीं होता, यह हमें हर दिन बुरी नजर से सुरक्षित रखता है। उनका यह भी कथन है कि जो प्राकृतिक नींबू-मिर्च का यंत्र है, उनको हर सप्ताह बदलना पड़ता है, लेकिन यह प्लास्टिक व लोहे का बुरी नजर से बचाने वाला यंत्र कभी खराब ही नहीं होता है, रही बात बुरी नजर की तो बुरी नजर का सामना प्राकृतिक नींबू मिर्च भी करेंगे और प्लास्टिक नींबू-मिर्च भी लेकिन हर मानव की अपनी अलग-अलग सोच है कि उसे प्राकृतिक यंत्र को अपनाना चाहिए या लोहे व प्लास्टिक के यंत्र को।
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