ये है दुबई का सबसे बड़ा गुरुद्वारा, रिकार्ड बुक में होगा दर्ज ! (तस्वीरें)

Monday, Jun 15, 2015 - 12:51 PM (IST)

दुबईः सिख जहां भी गए हैं, वहां-वहां उन्होंने गुरुद्वारा साहिब स्थापित किए और जहां-जहां गुरुघर स्थापित हैं, वहां अटूट लंगर चलते रहते हैं और भूखों का पेट भरा जाता है। 

गुरु के लंगर आज देशों-विदेशों में चल रहे हैं। इसी लड़ी में दुबई के जेबल अली के गुरुद्वारा गुरु नानक दरबार साहिब को गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्डज में दर्ज करवाने की कोशिश है। यू.ए.ई. के सबसे बड़े गुरुद्वारा साहिब में शुक्रवार को 100 लीटर चाय, 200 किलो चावल, 120 किलो आटा, 150 किलो दाल के लंगर की व्यवस्था की जाती है। इस दिन यहां तकरीबन 8000 श्रद्धालू पहुंचते हैं और बाकी दिनों की कहानी भी ऐसी ही रहती है। बैसाखी के दिन इस गुुरुद्वारे में तकरीबन 50,000 लोग माथा टेकने पहुंचते हैं।

गुरुद्वारा गुरु नानक दरबार साहिब के मैनेजर तजिंदर पाल सिंह गोगिया को पूरा भरोसा है कि गुरुद्वारा साहिब गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवा सकता है। उन्होंने कहा कि आई.एस.ओ. सर्टीफिकेशन के बाद 6 महीनों में यह गुरुघर रिकार्डों की इस सबसे बड़ी किताब में नाम दर्ज करवा सकता है। 

उन्होंने कहा कि यू.ए.ई. में यह पहला ऐसा धार्मिक स्थान है, जो इस स्तर पर लोगों की सेवा कर रहा है। सिंह ने गुरुघर में बड़े स्तर पर चलते लंगर के बारे में बोलते हुए कहा कि यहां तक कि रमजान के पवित्र महीने में भी गुरुघर में हालात नहीं बदलते और लोग उसी संख्या में आते हैं। 

गुरुघर में शुक्रवार के अलावा रोजमर्रा की 500 लोगों के लिए लंगर बनाया जाता है। 22 मई को सिखों के पांचवे गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी के शहादत दिवस पर 22,000 लोगों के लिए दूध और रूहअफजा का लंगर लगाया। श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव पर भी इस गुरुघर में बड़ी संख्या में लोग हाजिरी लगाएंगे। इस दौरान देखने वाली बात यह होगी कि उस समय तक गुरुद्वारा साहिब को आई.एस.ओ. सर्टिफिकेट मिलता है या नहीं परंतु गुरुघर इस तरह ही लोगों को अटूट लंगर खिलाता रहेगा और अपने सिखी सिद्धांतों को कायम रखेगा।

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