जीजा हुआ साले की पत्नी पर फिदा, अपनी पत्नी को पागल व साले को बनाया नशेड़ी
punjabkesari.in Sunday, Jun 07, 2015 - 01:20 AM (IST)

मंडी गोबिंदगढ़(मग्गो): राधा स्वामी सत्संग भवन के पास रहने वाले एक प्रवासी ने अपनी पत्नी व बच्चों को छोड़ कर अपने ही साले की पत्नी से विवाह करवा लिया जबकि उसने अपनी पत्नी को तलाक तक देने की जरूरत नहीं समझी बल्कि उसे पागल करार दे दिया।
पत्रकारों को जानकारी देते हुए बिहार के हथोरी जिला मुज्जफरपुर की मूल निवासी ने अपने 13 वर्षीय लड़के व 10 तथा 11 वर्षीय 2 लड़कियों सहित अपनी बीवी को बिना तलाक दिए बीबी को पागल करार देते हुए साले को नशेड़ी बनाने के बाद उसी की पत्नी से शादी रचा ली। पीड़ित महिला सीता रानी उर्फ संगीता ने बताया कि उसके मां-बाप जीवित नहीं है तथा आॢथक कमजोरी व पति की चालाकियों के कारण आज वह नर्क की जिंदगी जीने को विवश है। एक ही मकान में रहते हुए संगीता की जवान भाभी पायल जो अब उसी के पति की दूसरी पत्नी है, उसे जमकर प्रताडि़त करने में लगी है।
संगीता ने बताया कि उसे एक कमरे में नजरबंद रखा जाने लगा और मारपीट की जाती रही। ससुराल परिवार ने उस पर बार-बार घर से भागने के आरोप लगाए। इसी दौरान उसके छोटे भाई बैजनाथ चौधरी की शादी पायल उर्फ पुत्तल से हुई। उसका पति अपनी सालेहार की ओर इस कदर आकर्षित होने लगा कि दोनों का मेलजोल कुछ ज्यादा ही बढ़ गया। दोनों ने बैजनाथ को रास्ते से हटाने के लिए प्र्रयास करने आरंभ कर दिए। पहले संगीता को पागल बनाने, मैंटली डिस्टर्ब की कोशिश के तहत पागलखाने में भर्ती करवाने के प्रयत्न किए लेकिन डाक्टरों ने पूर्ण रूप से सही होने पर उसे भर्ती करने से इंकार कर दिया। धीरे-धीरे नशेड़ी बनाने के साथ उसके भाई बैजनाथ को भी पूर्ण नशेड़ी बना दिया।
इस संबंधी संजय चौधरी व पायल का कहना है कि संगीता मैंटली डिस्टर्ब थी जिस कारण बच्चों के पालन-पोषण हेतु उन्होंने शादी रचाई लेकिन संगीता के मैंटली डिस्टर्ब होने संबंधी कोई भी प्रमाण देने में दोनों असफल रहे। संजय चौधरी व पायल का मानना है कि उन्होंने कोर्ट में शादी की है, लेकिन गलती की कि उन्होंने तलाक नहीं लिया। संजय चौधरी की माता ने यह आरोप भी लगाया कि ससुराल में रहते हुए संगीता उसके लड़के संजय को जहर देकर मारना चाहती थी। दूसरी तरफ हिन्दू धर्म संबंधी तलाक के बिना शादी नहीं की जा सकती इसलिए यह शादी गैर-कानूनी है। संगीता को पायल द्वारा प्रताडि़त करना भी सी.आर.पी.सी. के अंतर्गत सजा के प्रावधान के तहत है।