खट्टर का फरमान, 50,000 सरकारी नौकरियों पर जल्द ही भर्तियां

Saturday, May 02, 2015 - 06:35 AM (IST)

चंडीगढ़(संघी): मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पूर्व राज्य सरकार पर बैक डोर एंट्री से तर्दथ आधार पर कई नियुक्तियां करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह मामला कर्मचारियों के आंदोलन का कारण बनता जा रहा है व वर्तमान सरकार के सामने कई कानूनी अड़चनों के कारण इन कर्मियों को अब नियमित करना चुनौती पूर्ण कार्य हो गया है। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपनी सरकार के 6 महीने के विकास कार्यों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करने के लिए ‘नीयत नेक दर्शाई, जानी पीर पराई’ नामक शीर्षक के तहत प्रकाशित की गई 24 पृष्ठ की पुस्तिका का विमोचन करते हुए कहा कि 3 वर्षों में मैरिट व पारदर्शिता से लगभग 50,000 नई नियुक्तियां कर सभी रिक्त पद भरे जाएंगे।

इन में से 5000 भर्तियां आगामी 6 माह के दौरान ही पुलिस में कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि एस.वाई.एल. सहित सभी अंतर्राज्यीय मुद्दे हल करने की दिशा में सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ हरियाणा की राजधानी है और राजधानी रहेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में 60 व 40 के अनुपात को 50-50 करने का अनुरोध किया गया है तथा हरियाणा से संबंधित मामलों की सुनवाई तेजी से हो। इसके अलावा पश्चिम-दक्षिण हरियाणा के लिए हाई कोर्ट की अलग से बैंच स्थापित करवाने पर भी विचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि सबका साथ सबका विकास भूमिका को लेकर हम चले है।

सभी 90 विधायकों से अपने-अपने हलके की विकास योजनाएं तैयार करने को कहा गया है और हर विधायक, चाहे वह सत्ता पक्ष का है या विपक्ष का, को 5-5 करोड़ रुपए विकास कार्यों के लिए उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है जो हरियाणा के इतिहास में अपनी तरह का पहला निर्णय होगा। वहीं, संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि योगगुरु रामदेव अपने संस्थान की दवाई पुत्र जीवक का नाम नहीं बदलेंगे। उन्होंने इसका नाम बदलने मना कर दिया है।  उन्होंने इस दवाई का नाम बदलने के लिए रामदेव से आग्रह किया था लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि यह एक प्राचीन नाम है।

उन्होंने कहा कि रामदेव दवाई के नाम पर उठे विवाद पर अपना स्पष्टीकरण भी दे चुके हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पुत्र जीवक नामक दवाई में कहीं नहीं लिखा है कि इसको खाने से केवल बेटा पैदा होता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यहां तात्पर्य संतान से हैं और प्राचीन काल से संतान को दोनों रूपों बेटे और बेटी के रूप में देखा जाता है। इस लिए संतान बेटा भी हो सकता है और बेटी भी पैदा हो सकती है। इस बारे में खुद रामदेव स्पष्टीकरण दे चुके हैैं। फिर भी यदि जांच और विश्लेषण की जरूरत पड़ेगी तो सरकार यह भी औपचारिकता पूरी करेगी।

धनकड़ का आग्रह ठंडे बस्ते में

मुख्यमंत्री ने गत दिनों के दौरान किसानों की आत्महत्याओं की घटनाओं की जांच करवाने के लिए कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ के आग्रह को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया। उन्होंने कहा कि यहां विषय जांच का नहीं बल्कि यह है कि ऐसी घटनाएं न हों। उल्लेखनीय है कि धनखड़ ने बीते दिन कहा था कि सरकार के पास 7 किसानों की आत्महत्याओं की रिपोर्ट आई है और इनके कारणों की जांच के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से गुजारिश की है।

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