45 दिन के बच्चे की पी.जी.आई. में लगे इंजैक्शन से मौत

punjabkesari.in Monday, Apr 27, 2015 - 10:58 AM (IST)

चंडीगढ़ (अर्चना सेठी): पी.जी.आई. के एडवांस पैडिएट्रिक सैंटर में इंजैक्शन लगने से एक 45 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। इस मामले के बाद चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग और ड्रग कंट्रोलर ने पूरे चंडीगढ़ की कैमिस्ट शॉप्स पर मौजूद इजी फाइव के संबंधित बैच को सील कर दिए हैं। ड्रग कंट्रोलर ने पैडिएट्रिक सैंटर की बेबी केयर कैमिस्ट शॉप पर छापा मार इंजैक्शन से जुड़े रिकार्ड खंगाले व सील किए कर दवाओं की कोल्ड चेन को जांचा। कंट्रोलर ने इंजैक्शन से जुड़ी बिक्री के आंकड़े और परचेज का भी निरीक्षण किया। इंजैक्शन के सैंपल सोमवार को कसौली के सैंट्रल रिसर्च इंस्टीच्यूट भेजे जाएंगे।
 
45 दिनों के बच्चे की मौत का है मामला
मनीमाजरा के 45 दिन के बच्चे को वैक्सीनेशन के लिए जब परिजन पी.जी.आई. लाए तो उन्होंने ए.पी.सी. की कैमिस्ट शॉप से 23 अप्रैल को इंजैक्शन खरीदा। यह इंजैक्शन सैंटर की नर्स ने बच्चे को लगाया था। 
 
इंजैक्शन लगने के बाद बच्चे की तबियत बिगडऩे लगी। बच्चे की हालत खराब होते देख परिजन उसे एक प्राइवेट अस्पताल ले गए और उसके बाद मनीमाजरा सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। हालत में सुधार नहीं आया तो बच्चे को 25 अप्रैल को सैक्टर-16 स्थित गवर्नमैंट मल्टीस्पैशिएलिटी हॉस्पिटल लाया गया। यहां डाक्टर्स ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। 
 
जी.एम.एस.एच. ने इस बाबत ड्रग कंट्रोलर को शिकायत कर इंजैक्शन के बारे में जानकारी दी। कंट्रोलर ने तुरंत पूरे चंडीगढ़ की कैमिस्ट शॉप में मौजूद संबंधित इंजैक्शन के बैच सील कर दिए।  
 
पुणे की कंपनी का है इंजैक्शन
बच्चे को सीरम बायोटैक कंपनी द्बारा बनाए गए इजी 5 इंजैक्शन की डोका दी गई थी। इंजैक्शन में 5 किस्म की दवाओं का कांबिनेशन होता है जो बच्चे को हैपेटाइटिस-बी, डिपथेरिया, टैट्नस, परटुसिस और हिब से बचाता है। सूत्रों के मुताबिक संबंधित स्टॉक के 646 वायल चंडीगढ़ आए थे और उनमें से 117 इंजैक्शन की वायल बच गई थी। बचे हुए इंजैक्शन सील कर उनकी बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
 
तीन बच्चे सोए मौत की नींद
पी.जी.आई. के एडवांस पेडिएट्रिक सैंटर की बेबी केयर कैमिस्ट शॉप पहले भी कथित विवादों के साथ जुड़ी रही है। तीन बच्चों की मौत यहीं से खरीदे गए इंजैक्शन और स्टैंट से जा चुकी है। इजी फाइव इंजैक्शन से दो साल पहले हलोमाजरा के डेढ़ महीने के बच्चे को मौत की नींद यहीं से खरीदे गए इंजैक्शन से हुई थी। 
 
इंजैक्शन लगने के बाद बच्चे की तबियत अचानक ही बिगड़ गई थी और उसकी मौत हो गई थी। यही नहीं यहां से खरीदे गए स्टैंट को जब एक बच्ची के दिमाग में डाल दिया गया तो पता चला था कि स्टैंट नकली था और बच्ची स्टैंट डाले जाने के कुछ दिनों बाद ही मौत की नींद सो गई थी। दोनों मामलों में जांच समितियों का गठन भी हुआ और ड्रग कंट्रोलर ने छापे भी मारे परंतु कैमिस्ट शॉप का बाल भी बांका न हो सका और अब फिर से यही से बेचे गए इंजैक्शन ने एक और बच्चे को मौत की नींद सुला दिया।
 

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