‘आप’ के अगले कदम पर टिकी नजरें

punjabkesari.in Saturday, Apr 25, 2015 - 05:40 AM (IST)

जालंधर (धवन): आम आदमी पार्टी (आप) के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा पटियाला के सांसद डा. धर्मवीर गांधी को संसदीय नेता पद से हटाने के बाद अब गांधी फिलहाल दल-बदल विरोधी कानून की लपेट में आने से स्वयं को बचाने की ताक में हैं। दूसरी ओर ‘आप’ भी देखो व इंतजार करो की नीति पर चल रही है।  

अगर ‘आप’ अन्य बागी नेताओं की तरह डा. गांधी को पार्टी से निकाल देती है तो भी डा. गांधी सांसद बने रह सकते हैं। तब वह किसी भी पार्टी से संबंधित सांसद नहीं कहलाएंगे। दूसरी ओर ‘आप’ से जुड़े नेताओं का मानना है कि डा. गांधी को पार्टी से निकाल कर उसे कुछ भी हासिल नहीं होगा क्योंकि पार्टी अपने 4 सांसदों में से एक सांसद को खो देगी। 

डा. गांधी के निकटवर्तियों का कहना है कि वह केंद्रीय नेतृत्व की अगली कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं कि वह उन्हें पार्टी में बनाए रखता है या पार्टी से निकाल देता है। ऐसी स्थिति में वह सांसद पद से त्याग पत्र देने के लिए विवश नहीं होंगे तथा साथ ही उनका दल-बदल विरोधी कानून से भी बचाव हो जाएगा। इसी को देखते हुए डा. गांधी अपने स्तर पर कोई भी कदम उठाने से गुरेज कर रहे हैं। 
 
दूसरी ओर अगर डा. गांधी स्वयं पार्टी को छोडऩे का निर्णय लेते हैं तो फिर उस स्थिति में दल-बदल विरोधी कानून उन पर लागू हो जाएगा। उस स्थिति में उन्हें सांसद पद से त्याग पत्र भी देना पड़ सकता है। 

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