रैड लाइट लगाकर जमाता था धौंस जब सच सामने आया तो फिर...

Friday, Apr 24, 2015 - 04:18 PM (IST)

चंडीगढ़(संदीप कुमार): ट्रांसपोर्ट एरिया सैक्टर-26 में ढाबे पर ट्रक ड्राइवर हमबीर पर खाने को लेकर गोली चलाने के मामले में गिरफ्तार आरोपी मनोज के पुलिस रिमांड में कई अहम खुलासे हुए हैं। 

आरोपी टाटा सफारी गाड़ी पर रैड लाइट लगाकर लोगों पर धौंस जमाता था कि वह गजेटेड ऑफिसर है। पुलिस ने आरोपी की कार बरामद कर उस पर लगाई जानी वाली रैड लाइट भी रिकवर कर ली है। पुलिस आरोपी को 2 दिन के रिमांड के बाद शुक्रवार को फिर जिला अदालत में पेश करेगी। पुलिस आरोपी के पिस्टल व उसके द्वारा प्रयोग किए जाने वाले कारतूसों के रिकार्ड की भी जांच कर रही है। 
 
उल्लेखनीय है कि आरोपी ने ढाबे में रोटी सर्व करने की बात पर ड्राइवर हरबीर को गोली मार दी थी व हमबीर को पी.जी.आई. में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। 
 
खुद को बताता था आलाधिकारी
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी मनोज अपनी लाइसैंसी पिस्टल हमेशा साथ रखता था व टाटा सफारी गाड़ी पर हमेशा वी.आई.पी. लाइट (रैड लाइट) लगाए रखता था। 
 
पुलिस के डर से ही वह लाइट कवर करता था लेकिन लोगों को गाड़ी पर लगी लाइट व पिस्टल दिखा वह खुद को वन विभाग का आलाधिकारी बताता था। उसके साथ रहने वाले लोग भी उसे गजेटिड अधिकारी ही समझते थे। अगर कोई व्यक्ति उससे उसकी कार पर लगाई वी.आई.पी. लाइट के बारे में पूछता था तो वह कहता था कि वह वन विभाग के आलाधिकारी का ड्राइवर है इसी कारण से कार पर वी.आई.पी. लाइट लगाई है।
 
कार पर लाइट लगाने का सिलसिला कई साल से ऐसे ही जारी था। कार पर लाइट लगे होने के कारण ही नाके पर पुलिस भी उसकी गाड़ी रोक कर पूछताछ करने में हिचकिचाती थी। पुलिस इस विषय में अब आरोपी मनोज से गहनता से पूछताछ कर रही है। जांच में सामने आया है कि मनोज के पिता छतबीड़ में कर्मचारी थे। सड़क हादसे में उनकी मौत होने के बाद उनकी जगह ही अनुकम्पा के आधार पर मनोज को वहां चौकीदारी की नौकरी दी गई थी। 
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