पावरकॉम लोगों के सिर 500 करोड़ का बोझ डालने को तैयार

Friday, Apr 24, 2015 - 04:56 AM (IST)

पटियाला (परमीत): पंजाब राज्य बिजली निगम (पावरकॉम) ने पंजाब के लोगों पर कई सौ करोड़ रुपए का नया बोझ डालने के लिए तैयारी कर ली है जिसके तहत पंजाब राज्य रैगुलेटरी कमीशन (पी.एस.ई. आर.सी.) से 391 करोड़ 46 लाख रुपए की रकम ब्याज सहित वसूली करने के लिए बिजली दरें बढ़ाने की मंजूरी मांगी है। एक अंदाजे के मुताबिक जुर्माने व ब्याज सहित ये राशि 500 करोड़ रुपए से भी ज्यादा बनेगी।
 
पावरकॉम के मुख्य इंजीनियर ए.आर.आर. और टी.आर. की तरफ  से रैगुलेटरी कमीशन के पास दायर की गई पटीशन में कहा गया है कि पावरकॉम ने सुप्रीम कोर्ट के 24 सितम्बर 2014 के आदेशों के अनुसार 391 करोड़ 46 लाख 36 हजार 262 रुपए जुर्माने के तौर पर कोयला कंट्रोलर के पास 31 दिसम्बर 2014 को जमा करवाए हैं। 
 
यह जुर्माना पछवाड़ा कोयला खान में से कोयला निकालने के लिए 295 रुपए प्रति मीट्रिक टन की दर पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ  से लगाया गया था। पावरकॉम ने 391 करोड़ का यह जुर्माना 24 सितम्बर 2014 तक निकाले कोयले के बदले अपने बनते 26 प्रतिशत हिस्से अनुसार जमा करवाया है जबकि 25 सितम्बर 2014 से 31 मार्च 2015 तक निकाले गए कोयले का जुर्माना अभी अदा करना बाकी है। 

391 करोड़ रुपए अदा करने के लिए पावरकॉम ने आर.ई.सी. और पी.एफ .सी. से 195 करोड़ रुपए कर्ज लिया है। पटीशन में यह दलील दी गई है कि इस जुर्माने को पावरकॉम की आर्थिक जरूरत का हिस्सा मानते हुए नए वित्तीय वर्ष 2015-16 दौरान यह जुर्माना ब्याज सहित वसूलने के लिए मंजूरी दी जाए।
 
वर्णनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार यह जुर्माना जून 2015 तक निकाले जाने वाले कोयले पर अदा किया जाना है। इसका मतलब यह है कि 1 अप्रैल से 30 जून तक के बनते जुर्माने की वसूली भी पावरकॉम उपभोक्ताओं से करेगा और इसकी वसूली का केस बाद में तैयार किया जाएगा। पंजाब राज्य बिजली रैगुलेटरी कमीशन ने पावरकॉम की पटीशन पर 15 मई तक लोगों से एतराज मांगे हैं। इस पटीशन पर 21 मई को रैगुलेटरी कमीशन के दफ्तर में ही पब्लिक सुनवाई भी रखी गई है।
 
क्या है मामला
मामला झारखंड के पछवाड़ा कोयला खान से सम्बन्धित है। पावरकॉम जो पहले पंजाब राज्य बिजली बोर्ड था, को पंजाब के तीनों सरकारी थर्मल प्लांटों के लिए कोयले की जरूरत पूरी करने के लिए झारखंड स्थित यह पछवाड़ा कोयला खान अलाट हुई थी। इसे चलाने के लिए पानेम कोल माइन्ज लिमिटेड नामक कम्पनी बनाई गई जिसमें भारत सरकार की शर्त अनुसार पावरकॉम का 26 प्रतिशत हिस्सा रखा गया।
 
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कोयला खानों की अलॉटमैंट रद्द करने के समय इस खान की अलाटमैंट भी रद्द हो गई और अदालत के हुक्मों अनुसार 295 रुपए प्रति मीट्रिक टन जुर्माना भी पानेम के सिर पड़ गया जिसका 26 प्रतिशत आगे पावरकॉम को अदा करना पड़ रहा है और यह अब खपतकारों से वसूला जाना है।
 
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