आंखों से निकले आंसू, बोला-मैंने कुछ नहीं किया
punjabkesari.in Thursday, Apr 23, 2015 - 10:37 AM (IST)
जालंधर (शौरी): बस्ती दानिशमंदां के बलदेव नगर में अपनी पत्नी को आग की भेंट चढ़ाने वाले आरोपी पति वरिंद्र बब्बर पुत्र सोमनाथ बब्बर को आज थाना 5 की पुलिस जज के आदेशों पर प्रोडक्शन वारंट पर लाई। पुलिस वालों ने कोर्ट के आदेशों के तहत जज के सामने पेश करने से पहले उसका सिविल अस्पताल से मैडीकल करवाया।
एमरजैंसी में ड्यूटी पर तैनात डा. ने वरिंद्र को फिट बताते हुए उसे वापस भेज दिया। थाना 5 के एस.एच.ओ. सुखबीर सिंह जैसे ही उसे जज के सामने लेकर पेश हुए तो वरिंद्र के वकील ने जज को अर्जी देकर कहा कि वरिंद्र के हाथ जले होने के चलते उसका दोबारा से मैडीकल करवाना चाहिए।
कोर्ट के आदेशों पर जैसे ही एस.एच.ओ. सुखबीर सिंह वरिंद्र को दोबारा सिविल अस्पताल के एमरजैंसी वार्ड में मैडीकल करवाने के लिए पहुंचे तो ड्यूटी पर तैनात डा. को वरिंद्र ने बताया कि उसके दोनों हाथ झुलसे हैं जिसे देखते हुए सर्जीकल के माहिर डा. को बुलाया गया ताकि वह वरिंद्र की जांच कर सके।
मैडीकल के दौरान डा. ने लिखा कि वरिंद्र के हाथ करीब 10 प्रतिशत झुलसे हैं और उसे दाखिल किया जा रहा है ताकि उसका उपचार किया जा सके। इसके बाद वरिंद्र की फाइल तैयार करवाई गई और उसे कैदी वार्ड में दाखिल करवाया गया।
घटना की सूचना पाकर ए.सी.पी. वैस्ट रविंद्रपाल सिंह संधू भी अस्पताल आए और कैदी वार्ड में वरिंद्र की सुरक्षा हेतु और पुलिस कर्मचारी तैनात किए। ए.सी.पी. संधू ने कहा कि वरिंद्र को 2 दिन के प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया था ताकि उससे पूछताछ की जा सके और घटनास्थल पर उसे साथ ले जाकर क्राइम सीन तैयार किया जा सके। वरिंद्र के घर में ताले लगे होने के कारण वरिंद्र ही बता सकता है कि घर की चाबियां किसके पास हैं।
ए.सी.पी. संधू ने बताया कि अस्पताल में दाखिल होने के कारण वरिंद्र से फिलहाल पुलिस पूछताछ नहीं कर सकी। सुबह डाक्टरों से दोबारा पूछा जाएगा कि उसे अस्पताल से छुट्टी कब मिलेगी ताकि उसे पुलिस जांच में शामिल कर सके।
ए.सी.पी. संधू ने बताया कि अस्पताल में दाखिल होने के कारण वरिंद्र से फिलहाल पुलिस पूछताछ नहीं कर सकी। सुबह डाक्टरों से दोबारा पूछा जाएगा कि उसे अस्पताल से छुट्टी कब मिलेगी ताकि उसे पुलिस जांच में शामिल कर सके।
आंखों से निकले आंसू, बोला-मैंने कुछ नहीं किया
सिविल अस्पताल में उपचाराधीन वरिंद्र बब्बर, जिस पर अपनी पत्नी को जलाने का केस दर्ज है, ने अपना पक्ष बताते हुए कहा कि वह अपनी पत्नी से प्यार करता था। उसने उस पर मिट्टी का तेल नहीं डाला। यदि उसने उसे जलाया होता तो उसके हाथ क्यों झुलसते।
वरिंद्र का कहना था कि उस रात उसकी पत्नी ने खुद पर मिट्टी का तेल छिड़का और आग लगा ली। उसने आग बुझानी चाही तो उसके दोनों हाथ भी झुलस गए। इतना ही नहीं, वह अपनी पत्नी को खुद अस्पताल उपचार करवाने के लिए लेकर गया।
अस्पताल में सी.सी.टी.वी. कैमरों की रिकॉर्डिंग भी इस बात को साबित कर देगी। अस्पताल में उपचाराधीन वरिंद्र की आंखों से यह कहते हुए आंसू भी निकल रहे थे। वहीं वरिंद्र का उपचार करने वाले डा. अशोक का कहना था कि मरीज के दोनों हाथ झुलस चुके हैं जिस कारण इन्फैक्शन फैलने का खतरा है इसलिए उसे उपचार के लिए दाखिल किया गया है।