गोरों के कहर की कहानी, गलियों से रेंगकर निकले थे हिंदुस्तानी

punjabkesari.in Sunday, Apr 19, 2015 - 04:17 PM (IST)

अमृतसर: अंग्रेजों ने भारतीयों पर इतना कहर किया था, जिसकी गिनती ही नहीं की जा सकती। जिन गलियों में गोरों ने भारतीयों पर कहर ढाया था, वह गलियों आज भी भारतीयों पर हुए कहर की दास्तां बयान करती हैं।

13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग कांड के बाद कूचा कोढ़ियां इलाके की एक गली से हिंदुस्तानियों को रेंगकर निकलने दिया जाता था। जलियांवाला बाग की भीड़ ने गुस्से में आकर इसी गली में अंग्रेज महिला मार्शिला शेरवुड का कत्ल कर दिया था, जिसके बाद जनरल डायर ने इस गली में फौज बिछा दी थी।

उसने कहा था कि यहां से निकलने वाले हर हिंदुस्तानी को नाक के बल रेंग कर गुजारो और यदि कोई ऐसा नहीं करता था तो उसे नंगा करके कोड़े बरसाए जाते थे। अंग्रेजों के इस कहर में बच्चे, बूढ़े और गर्भवती महिलाएं भी शामिल थी। देश भक्तों और क्रांतिवीरों ने आखिर अपनी, जान की बलि देकर इन गोरों को अपने देश से निकाला, जिसके बाद हर हिंदुस्तानी ने चैन का सांस ली। 

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News