आईसक्रीम खाने वाले हो जाएं सावधान

punjabkesari.in Monday, Apr 13, 2015 - 01:59 AM (IST)

गुरदासपुर (विनोद): गर्मियों का मौसम शुरू होते ही हर शहर, गांव, कस्बे, गली, मोहल्लों आदि में आईसक्रीम व कुल्फियां बेचने वाले आम दिखाई देते हैं व प्रतिदिन बच्चे, बूढ़े, जवान व महिलाएं आदि भी इन ठंडे पदार्थों का आनंद लेते हैं, परंतु किसी ने कभी सोचा है कि बाजार में बिकने वाले कुछेक बढिय़ा ब्रांड को छोड़ कर अन्य ब्रांडों की जो आईसक्रीमें व कुल्फियां आदि बिक रही हैं वे किस तरह बनती हैं। असल में यह मीठा जहर है।
 
सूत्रों के अनुसार गांवों व कस्बों आदि में जो लोग साइकिलों व रेहडिय़ों आदि पर कुल्फियां बेचते हैं, उसे बनाने के लिए वे कथित रूप में मिलावटी दूध, खतरनाक रंग व चीनी की जगह स्क्रीन का प्रयोग करते हैं। यह भी मालूम हुआ है कि अधिकतर इस कारोबार से संबंधित लोग जिस लोहे के फ्रेम में कुल्फियां आदि तैयार करते हैं उनमें जंग लगा होता है। जिस पानी का इन पदार्थों को तैयार करने के लिए प्रयोग किया जाता है वह भी स्वच्छ नहीं होता। दूध को गाड़ा करने के लिए कथित रूप में लिटमस पेपर, कई तरह के तेल व कैमिकलों का प्रयोग किया जा रहा है व आईसक्रीम बनाने के लिए अधिकतर लोगों द्वारा जिस ड्राईफू्रट का प्रयोग किया जाता है वह घटिया क्वालिटी का होता है। इसके अतिरिक्त ब्रांडिड आईसक्रीम आदि के पैकेटों को छोड़ कर किसी भी अन्य पैकिंग पर बनाने तथा खराब होने की तिथि नहीं लिखी होती। 
 
इस तरह ऐसी मिलावट से तैयार होने वाली वस्तुएं ठंडा जहर प्रमाणित हो रही हैं और यह सब कुछ विभाग के सामने हो रहा है, परंतु संबंधित विभाग मालूम नहीं क्यों चुप्पी धारण किए हुए है। 

क्या कहते हैं सेहत विभाग के अधिकारी
 
ऐसी मिलावटी किस्म की कुल्फियां व आईसक्रीमें आदि से होने वाले सेहत सम्बन्धी नुक्सान के लिए जब सिविल अस्पताल के जिला सेहत अधिकारी डा. बी.एस. बाजवा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ऐसी मिलावटी वस्तुओं के सेवन से पेट की कई तरह की बीमारियां जैसे पीलिया, डायरिया, उल्टी-दस्त, गले का संक्रमण, किडनी व लीवर की बीमारियों के अतिरिक्त कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां भी हो सकती हैं। सेहत माहिरों के अनुसार यदि ऐसे पदार्थों का सेवन करना ही है तो अच्छे उत्पाद को प्राथमिकता देनी चाहिए।

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