ससुरालियों ने रचा ड्रामा, किया होश उड़ा देने वाला कारनामा

punjabkesari.in Monday, Mar 30, 2015 - 09:44 AM (IST)

लुधियाना(ऋषि): दहेज की खातिर ससुराल वाले लड़कियां को जला कर, ज़हर देकर या कोर्इ और तरीके से मार देते हैं लेकिन यह ससुराल वाले इतने चालाक निकले कि अपनी बहु को ना तो मारा और ना ही पीटा, बल्कि बीमारी में उसका इलाज नहीं करवाया जिससे जब वह मरे तो उनके खिलाफ कोई कार्रवार्इ न की जाए। 

जानकारी के अनुसार  ससुरालियों ने अमानवीय ढंग से मासूम को मार डाला। उन्होंने काफी समय से बीमार होने के बावजूद विवाहिता का उपचार नहीं करवाया और न ही उसके परिजनों को जानकारी दी। बेटी के बीमार होने का पता चलते ही परिजनों ने उसे तुरंत उपचार के लिए भर्ती करवाया। जहां डाक्टरों ने उसकी खराब हालत को देखते ही वैंटीलेकर पर लगा दिया जहां 2 दिन चले उपचार के बाद विवाहिता ने दम तोड़ दिया। 
 
डाक्टरों के अनुसार काफी पुरानी बीमारी का इलाज न होने के कारण मरीज की किडनियां, फेफड़े व दिमाग सहित हृदय ने भी काम करना बंद कर दिया था। इसके बाद परिजनों ने आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी। वूमैन सैल की पुलिस ने जांच के बाद ससुरालियों को आरोपी पाया व मृतका के पति जसप्रीत सिंह, ससुर परमजीत सिंह व सास रविंद्र कौर के खिलाफ साजिशन दहेज हत्या करने के आरोप में केस दर्ज किया। 
 
पुलिस को दी शिकायत में मृतका के चाचा कुलवंत सिंह ने बताया कि उन्होंने 14 मार्च 2010 को अपनी भतीजी गुरप्रीत कौर की शादी जसप्रीत सिंह के साथ की थी। शादी के कुछ समय बाद ही उनकी बेटी को दहेज कम लाने की बात को लेकर उसे परेशान किया जाने लगा।
 
दहेज में लड़की मायके घर से जो सामान लेकर आई थी उसे ससुरालियों ने घटिया बता खुर्द-बुर्द कर दिया। जिस कारण लड़की सामान का प्रयोग तक नहीं कर पाई। शादी के कुछ समय बाद उसे अपने पति के पहले से शादीशुदा होने का पता चला कि उसका पहले तलाक हो चुका है। झूठ बोलकर की गई शादी का पता चलने पर उनकी बेटी मानसिक तौर पर परेशान रहने लगी। 
 
जब ससुरालियों ने खुद उनके घर फोन कर कारोबार बढ़ाने के लिए 4 लाख की मांग की तो उन्होंने अपनी बेटी का घर बचाने के लिए सवा लाख रुपए की नकदी लोगों से ब्याज पर लेकर दी। कुछ समय बाद ससुराल वाले फिर से दहेज की मांग करने लगे व ऐसा न करने पर गुरप्रीत पर तलाक लेने का दबाव बनाने लग पड़े। इसके बाद गुरप्रीत ने सारी बात अपने परिजनों को बताई। 
 
उन्हें बताया कि उसका पति व सास उसे धमका रहे हैं कि वह उससे तलाक ले ले क्योंकि उसका मायके घर उनकी मांगों को पूरा नहीं कर पा रहा है। उन्होंने बताया कि गुरप्रीत इस कदर डरी-सहमी थी कि वह अपने परिजनों के खिलाफ बोलने लगी। इसी बात को मोहरा बनाया गया तथा इसकी आड़ में गुरप्रीत से ससुरालियों ने खाली कागजात पर हस्ताक्षर करवाए व उसकी मोबाइल पर रिकार्डिंग भी करवाकर रखी ताकि समय आने पर वह उसका प्रयोग कर अपनी जान बचा सकें। 
 
उसे जब पता चला कि लड़के की दूसरी शादी है तो वह और भी परेशान हो गई क्योंकि यह बात ससुरालियों ने उनसे छिपाई थी। उन्होंने बताया कि गत 22 फरवरी को उनको गुरप्रीत की सास का फोन आया कि उनकी बेटी बीमार है। जिस पर वह अपनी पत्नी व बेटे के साथ गुरप्रीत के ससुराल घर गए।
 
उस समय गुरप्रीत बेसुध पड़ी थी और वह ही उसे उठाकर डी.एम.सी अस्पताल लेकर आए। जहां डाक्टरों ने ससुरालियों को झाड़ लगाते हुए कहा कि यह लड़की पिछले काफी समय से बीमार है इसका उपचार क्यों नहीं करवाया गया। अब इसके बचने की उम्मीद कम है।
 
डाक्टरों ने गुरप्रीत को वैंटीलेटर पर लगा दिया और गत 25 फरवरी को उसने दम तोड़ दिया। उनका आरोप था कि उनकी बेटी को साजिशन मारा गया है ताकि वह बीमार होकर अपने आप मर जाए और कोई सबूत ही न बचे की उसकी हत्या की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि दहेज के कारण उनकी बेटी को इस हाल तक पहुंचाया गया कि अस्पताल में भी उसका उपचार न हो पाए।

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