पंजाबियों के मशहूर भम्र, जिनसे हर कोई डरता

Sunday, Mar 29, 2015 - 12:47 PM (IST)

जालंधर: पंजाबी जहां भगवान-भगवान करते नहीं थकते, वहीं वह भ्रमों में भी काफी यकीन रखते हैं। घर से निकलने का समय, रास्ते में कोई घटना घटने पर वापिस मुड़ना और दिनों का विचार करने जैसे कई तरह के भ्रम हर पंजाबी के घर देखने को मिलते हैं। कईयों का इनमें बहुत ज्यादा विश्वास होता है और कई थोड़ा-बहुत ही यकीन करते हैं।
 
छींक मारनी 
किसी शुभ काम करने के समय या घर से निकलने से पहले यदि कोई छींक मार दे तो उसे बुरा माना जाता है और छींक मारने वाले को भी तरह-तरह की बातें सुननी पड़तीं हैं क्योंकि पंजाबी मानते हैं कि शुभ काम के समय छींक आए तो काम नहीं बनता।
 
दिन को ध्यान में रख कर सिर धोना
हमारे पंजाब में लड़कियों या महिलाओं को मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को सिर धोने से मना किया जाता है। ऐसा माना जाता है इन दिनों सिर धोने पर भाइयों और सुहाग के लिए परेशानी पैदा हो सकती है। इसके इलावा इन दिनों में बाल भी कटवाने नहीं दिए जाते।
 
पीछे से आवाज लगाना
जब कोई शक्स शुभ काम के लिए घर से निकलता है और पीछे से आवाज आए तो समझा जाता है बना-बनाया काम बिगड़ गया। इसीलिए अक्सर बच्चों को समझाया जाता हैं कि जब कोई घर से निकले तो पीछे से आवाज नहीं लगानी चाहिए।
 
शाम को कंघी न करना
शाम को लड़कियों के कंघी करने को भी अपशगुन माना जाता है और अक्सर घर के बड़े कहते सुने जाते हैं कि सूरज ढलते कंघी करना अच्छी बात नहीं पर आज की नौजवान पीढ़ी इस वहम पर कम ही विश्वास करती है पर मां-बाप का कहा तो मानना ही पड़ता है।
 
रात को कुत्ते-बिल्लियों का रोना
अक्सर जब रात को कुत्ते या बिल्लियों के रोने की आवाज कानों में पड़ती है तो घर के बड़े उठकर उनको दौड़ा देते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि कुत्ते-बिल्लियां जब रोतीं हैं तो किसी न किसी जीव की मौत हो जाती है।
 
कैंचियां, चाबियां खड़काना
जब बच्चे घर में कैंची या चाबियां खड़काने लगते हैं तो उनको डांटा जाता है। पंजाबी इस बात में विश्वास करते हैं कि कैंची या चाबियां खड़काने से घर में स्वाभाविक ही लड़ाई हो जाती है।
 
यह बातें हर पंजाबी के घर आम सुनी जा सकतीं हैं पर आज की नौजवान पीढ़ी इन बातों को सही नहीं मानती और अक्सर मां बाप के साथ इन बातों को लेकर उनका झगड़ा भी हो जाता है। दुनिया आज कहीं की कहीं पहुंच गई है और पंजाबियों को भी जरूरत है कि भ्रमों को छोड़ कर आगे बढ़ें। 
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