कर्मचारियों की रोजी-रोटी पर छाया संकट

Friday, Mar 06, 2015 - 12:01 AM (IST)

फिरोजपुर (चावला): सुविधा केन्द्र के कर्मचारियों की रोजी-रोटी संकट में पड़ गई है। इससे पहले भी सुविधा केन्द्र के कर्मचारी कई बार प्रशासन को ज्ञापन सौंप चुके हैं लेकिन सरकार ने कर्मचारियों की कोई सुनवाई नहीं की है।
 
वर्णनीय है कि इस समय राज्य करीब 160 सुविधा केन्द्र चल रहे हैं, वे अप्रत्यक्ष रूप से जिला प्रशासन व एक सोसायटी के अधीन काम करते हैं लेकिन सेवा केन्द्रों के कर्मचारियों के बारे में सरकार ने जिनी कम्पनी को ठेका देने का निर्णय लिया है, ऐसा सुना जा रहा है। सुविधा केन्द्रों के बारे में बताते चलें कि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने सरकारी विभागों में फैले भ्रष्ट्राचार को बंद करने के लिए और जनता को एक ही छत के नीचे सभी विभागों की सुविधा देने के लिए सुविधा केन्द्र खोले थे और जनता को इसका फायदा भी मिला है। आज एफीडेविट से लेकर ड्राइविंग लाइसैंस, आर.टी.आई., पासपोर्ट, जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र, रिहायशी प्रमाण पत्र, आर.सी. व असला लाइसैंस सहित सभी काम एक ही छत के नीचे हो जाते हैं। 
 
इसके अलावा फर्द केन्द्र अलग से बनाए गए हैं जिनमें ऑनलाइन फर्द मिल जाती है। लोग एजैंटों के चक्कर से भी आजाद हुए हैं और आज सीधे सुविधा केन्द्र में जाकर अपना काम करवाते हैं लेकिन जिस प्रकार से पंजाब सरकार सुविधा केन्द्र के कर्मचारियों की मांगों को अनदेखा कर रही है, उससे कर्मचारियों में भारी रोष पाया जा रहा है।
 
निजीकरण की नीति के तहत पंजाब सरकार डी.सी. व अन्य पदाधिकारियों को मिलने वाली गाडिय़ों को भी ठेके पर लेने जा रही है जिससे सरकारी विभागों में काम करने वाले सरकारी ड्राइवरों पर भी अपनी रोजी-रोटी का संकट छा सकता है। 
 
सरकार पुराने कर्मियों का रखे ध्यान 
 
सुविधा सैंटर पर कार्यरत स्टाफ ने एकजुट होकर सरकार से मांग की है कि सरकार अपने वायदे अनुसार उन्हें पक्का करे।
 
निकल सकता है विकल्प 
 
सुविधा कर्मियों द्वारा बनाए जा रहे दबाव को देख सरकार टैंडर प्राप्त करने वाली कम्पनी को पुराने स्टाफ को बनाए रखने पर सहमति बना सकती है जिस कारण इन नौजवानों का भविष्य सुरक्षित हो जाएगा। आने वाले समय में सुविधा सैंटरों में कार्य करने वाले कर्मचारियों का भविष्य क्या होगा, यह तो आने वाले समय के गर्भ में बंद है, परन्तु ङ्क्षचता की लकीरें इनके चेहरों पर साफ झलक रही हैं।
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