दूसरों को शिक्षा देने वाले खुद के बच्चों के लिए उठा रहे हैं कर्ज

punjabkesari.in Wednesday, Mar 04, 2015 - 04:02 AM (IST)

जालंधर (पाहवा): पंजाब स्टेट एडिड स्कूल टीचर्ज यूनियन ने कहा है कि पंजाब के 484 सहायता प्राप्त स्कूलों के लगभग 4000 कर्मचारी पिछले 5 महीने से वेतन को तरस रहे हैं तथा उनके लिए रोजाना के खर्चे पूरे करना मुश्किल हो रहा है। 
 
इस संबंध में जानकारी देते हुए यूनियन के जिला उपाध्यक्ष अमरिन्द्रजीत सिंह, कोषाध्यक्ष जसबीर पाल, जिला कार्यकारिणी सदस्य संजीव कुमार, मनीष अग्रवाल व मुकेश कुमार ने बताया कि पहले सरकार इन स्कूलों को पूरे साल का बजट अलाट कर देती थी परन्तु इस बार सितम्बर माह तक का ही बजट अलाट हुआ था।
 
उन्होंने कहा कि इसी के चलते इन कर्मचारियों को सितम्बर माह तक का वेतन ही नसीब हुआ है। उन्होंने कहा कि दूसरों के बच्चों में शिक्षा का दीपक जलाने वाले इन अध्यापकों को अपने बच्चों की शिक्षा के लिए कर्ज लेकर फीसें देनी पड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा तो उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। इन कर्मचारियों का कहना है कि इनको कभी भी वेतन समय पर नहीं मिलता। कभी 4 महीने लेट तो कभी 6 महीने देरी से।  

गौरतलब है कि इन कर्मचारियों के वेतन का 95 प्रतिशत हिस्सा सरकार देती है तथा शेष 5 प्रतिशत हिस्सा प्रबंधक कमेटी की तरफ से दिया जाता है परन्तु जब तक सरकार के हिस्से की रकम रिलीज नहीं हो जाती तब तक प्रबंधक कमेटी वेतन रिलीज नहीं करती। उक्त प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ग्रांट जारी करने के लिए आज डिप्टी कमिश्नर जालंधर से भी मिला तथा उनको सरकार के नाम एक मांगपत्र भी सौंपा।
 
मनीष अग्रवाल व मुकेश कुमार का कहना है कि एडिड स्कूल का एकमात्र हल यही है कि सरकार इन स्कूलों के कर्मचारियों को सरकारी स्कूलों में मर्ज कर ले। गगनदीप कौर, हरपाल कौर, नरिन्द्र कौर व रंजु अरोड़ा ने कहा कि कुछ जिलों के प्राइमरी स्टाफ को तो पिछले 9 माह से वेतन नसीब नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि प्राइमरी विभाग को ग्र्रांट अलग विभाग से रिलीज होती है तथा सैकेंडरी विभाग की ग्रांट अलग विभाग से। 

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