Swine Flu से मानवीय जिंदगियां बनी काल का ग्रास

Wednesday, Mar 04, 2015 - 12:49 AM (IST)

पठानकोट (शारदा): स्वाइन फ्लू के देश में इस बार हुए घातक हमले से हर वर्ग खौफजदा है। केन्द्र व राज्य सरकारों के लाख प्रयासों के बावजूद इस घातक इंफ्लुएंजा के संक्रमण का फैलाव अभी तक नियंत्रण में नहीं आ पाया है तथा अब तक इस रोग के संक्रमण से हजार के करीब मानवीय जिंदगियां असमय काल का ग्रास बन गई हैं। 

स्वाइन फ्लू के संदिग्ध लक्षण वाले रोगियों की संख्या हजारों का आंकड़ा पार कर चुकी है। पंजाब में इस इंफ्लुएंजा के पैर व्यापक रूप से पसारने से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। 
 
स्वाइन इंफ्लुएंजा को पिग इंफ्लुएंजा, स्वाइन फ्लू, हॉग फ्लू तथा पिग फ्लू भी कहा जाता है। यह एक प्रकार का संक्रमण है जो इन किस्मों में किसी भी प्रकार का हो सकता है। स्वाइन इंफ्लुएंजा वायरस (एस.आई.वी.) अथवा स्वाइन ओरिजन इंफ्लुएंजा वायरस (एस.-ओ.आई.वी.) आदि इंफ्लुएंजा वायरस आम तौर पर सूअरों में पाए जाते हैं। स्वाइन फ्लू के उपभेदों में इंफ्लुएंजा एच-1 एन-1, एच-1 एन-2, एच-2 एन-1, एच-3 एन-1, एच-3 एन-2 तथा एच-2 एन-3 भी शामिल हैं।
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