डीजल की कीमतों में वृद्धि से किसानों पर करोड़ों का बोझ

Sunday, Mar 01, 2015 - 11:44 PM (IST)

भटिंडा (परमिंद्र): केंद्र सरकार की ओर से जहां बजट में मध्यम वर्ग के लोगों का ‘विशेष ख्याल’ रखा गया वहीं पैट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि करके लोगों की मुश्किलों को और भी बढ़ा दिया है। 

पैट्रोल की कीमतें बढ़ने से जहां शहरियों की जेबों पर असर पड़ेगा, वहीं डीजल में की गई 3 रुपए से अधिक की वृद्धि के कारण किसानों पर करोड़ों रुपए का नया बोझ पड़ेगा। किसान अपने ट्रैक्टर के अलावा ट्यूबवैल में भी डीजल का प्रयोग करते हैं। डीजल की कीमत पिछले कुछ समय दौरान कम हुई थी जिससे किसानों को कुछ राहत मिली थी लेकिन अब फिर से कीमत में इजाफा करके किसानों पर नया बोझ डाल दिया गया है। 
 
भाकियू लक्खोवाल के प्रांतीय उपाध्यक्ष रामकरन सिंह रामा ने बताया कि डीजल की कीमत बढऩे से किसानों को करोड़ों रुपए का नुक्सान होगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पहले 50-50 पैसे करके 2-4 बार डीजल के दाम कम कर दिए लेकिन अब एक ही झटके में 3 रुपए से भी अधिक की वृद्धि करके किसानों के साथ धोखा किया है। 
 
उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगपतियों को बेशक इससे अधिक फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन आम किसान पर इस वृद्धि का असर पडऩा अनिविार्य है। उन्होंने कहा कि पहले बजट में सरकार ने किसानों को कुछ भी नहीं दिया व उनकी आशाओं पर पानी फेर दिया। बजट के बाद किसानों को दूसरा झटका देते हुए सरकार ने अब डीजल के दाम भी बढ़ा दिए हैं। उन्होंने कहा कि इससे किसानों की कृषि लागत में और वृद्धि होगी, पहले से ही आर्थिक मंदी का संताप झेल रहे किसान की हालत और भी खराब हो जाएगी। 
 
उन्होंने बताया कि इन किसानी समस्याओं को लेकर 18 मार्च को यूनियन दिल्ली में विशाल रोष प्रदर्शन करने जा रही है जिसमें देश भर के किसान अपने अधिकारोंं के लिए आवाज बुलंद करेंगे।
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