गंदा पानी पीने को मजबूर लोग

Monday, Feb 02, 2015 - 12:39 AM (IST)

फरीदकोट(हाली): सरकारें पानी की बचत के साथ-साथ उसके रख-रखाव के लिए हर वर्ष नई-नई योजनाएं लेकर आती हैं व अधिकारियों को बढिय़ा कार्यों के लिए आदेश भी दिए जाते हैं, मगर जो विभागों के अधिकारी हैं वे सरकारों के इन आदेशों की परवाह किए बिना इनकी धज्जियां उड़ा रहे हैं। 
 
इसका ताजा उदाहरण देखने को मिला शहर फरीदकोट के वाटर वक्र्स में, जोकि 1998 में उस समय की आबादी के अनुसार बनाया गया था, मगर उसके बाद फरीदकोट की आबादी तो बढ़ी पर वाटर वक्र्स के पानी की समर्था वही है, जहां से रोजाना 30 लाख गैलन पानी सप्लाई होता है। इस वाटर वक्र्स में कुल 3 टैंक हैं, जिनमें से 2 टैंकों में इतना ज्यादा कूड़ा व फालतू की वेलें व सरकंडे हैं जहां पानी तो नजर तक नहीं आता। इसके अलावा जिस टैंक की सफाई की गई है, उसमें मरे हुए पक्षी अक्सर देखे जा सके हैं, जिसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है।
 
शहर निवासी दर्शन कुमार, रेशम सिंह, गुरचरन सिंह व गुरदीप सिंह से प्राप्त जानकारी अनुसार आबादी को ध्यान में रखते हुए 16 वर्ष पहले यहां 3 टैंक बनाए गए थे जोकि इतने वर्ष गुजर जाने के बाद भी 3 ही हैं। बेशक सरकार द्वारा और भी स्थानों पर वाटर वक्र्स बनाए गए हैं, मगर इस पुराने वाटर वक्र्स की हालत वैसी की वैसी ही है व इन टैंकों की जो हालत है वह यह है कि इनमें भारी मात्रा में कूड़ा-कर्कट व फालतू की चीजों के साथ-साथा सरकंडे भी खड़े हैं, जिस कारण टैंकों का पानी नजर नहीं आता। 
 
उन्होंने बताया कि इस कूड़े की चद्दर ने पानी को पूरी तरह से ढका हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि अगर बात करें दूसरे टैंक की तो उसकी साफ-सफाई की गई है, मगर वहां भी पानी के अंदर पक्षी मरे हुए पड़े हैं। इसके साथ ही वाटर वक्र्स में शराब की खाली बोतलें भी देखने को मिलीं, जिनका उस जगह पर होना गलत है। इससे साफ ही अंदाजा लगा सकते हैं कि जो लोग इस पानी को पिएंगे वे किस कद्र बीमार हो सकते हैं, जिसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। इस दौरान फरीदकोट शहर के निवासियों ने मांग की कि इस वाटर वक्र्स की सफाई तुरंत करवाई जाए।
 
क्या कहते हैं अधिकारी फरीदकोट के कार्यकारी इंजीनियर एस.के. ग्रोवर ने बताया कि शहर की आबादी ज्यादा होने कारण वह सारे शहर को दिन-रात सप्लाई करके पूरी तरह पानी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह पानी को फिल्टर करते हैं व पानी का टैस्ट भी किया जाता है।
 
 
 
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