‘मौत’ बनकर घूम रहे हैं आवारा पशु

Sunday, Feb 01, 2015 - 11:24 PM (IST)

फाजिल्का (नागपाल): नगर में बेसहारा घूम रहे पशुओं के कारण लोग परेशान हैं, जो मौत बनकर घूम रहे हैं। इस कारण विशेष रूप से वृद्धों, महिलाओं व बच्चों को कठिनाई होती है। बेसहारा पशुओं की बढ़ती संख्या के साथ जहां इनके कारण यातायात में विघ्न पड़ता है, वहीं दुर्घटनाओं के समाचार भी मिलते हैं।

ग्रामीण पशुओं को छोड़ जाते हैं नगर में 
 
इन पशुओं में से अधिकतर को ग्रामीण जब वे दूध देना या कृषि से संबंधित कार्य करना बंद कर देते हैं तो उन्हें वे नगर में छोड़ देते हैं। जो बाद में लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाते हैं। 
 
कई बार हो चुकी हैं सड़क दुर्घटनाएं
 
इन बेसहारा पशुओं के कारण अनेकों बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। नगर की अनेकों व्यस्त सड़कों के किनारे या सड़क के मध्य ये पशु आराम हेतु बैठ जाते हैं जो यातायात में बाधा उत्पन्न करते हैं, वहीं इनके एकदम खड़े होने या भागने के कारण कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इसके अतिरिक्त नगर में घूमते व लड़ते इन बेसहारा पशुओं के कारण नगर वासियों के साथ छोटे-छोटे बच्चों में भय का माहौल बना रहता है। 
 
बेसहारा पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखे नगर परिषद
 
नगर की विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों राज किशोर कालड़ा, बाबू लाल अरोड़ा, दीना नाथ, अशोक कुमार, सतीश कुमार, आलोक नागपाल ने कहा है कि प्रशासन इन बेसाहारा पशुओं के लिए आश्रय स्थल बनाए ताकि लोगों को इन बेसहारा पशुओं से निजात व राहत मिल सकेगी। 
 
उल्लेखनीय है कि लगभग 4 वर्ष पूर्व स्थानीय सैनिया रोड पर परिषद द्वारा कैटल पोंड बनाने के लिए राज्य के वर्तमान उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल द्वारा नींव पत्थर रखा गया था परन्तु उससे आगे कार्य नहीं चला। 18 अक्तूबर 2013 को फाजिल्का के विधायक व वर्तमान में स्वास्थ्य मंत्री सुरजीत कुमार ज्याणी ने नंदीशाला का नींव पत्थर रखा था जिसका निर्माण कार्य चल रहा है। यह नंदीशाला पांच एकड़ भूमि में साढ़े तीन करोड़ रुपए की लागत से बनाई जा रही है जिसके बनने के बाद इसमें सांडों व बछड़ों को अलग से रखा जाएगा।  
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