कम्प्यूटर अध्यापकों ने किया प्रदर्शन

punjabkesari.in Sunday, Feb 01, 2015 - 11:12 PM (IST)

फाजिल्का (लीलाधर): कम्प्यूटर अध्यापक यूनियन (सी.एम.यू) की एक मीटिंग यूनियन के सीनियर पदाधिकारी मनप्रीत सिंह पटियाला के नेतृत्व में हुई। इस दौरान अध्यापकों ने मांगों को लेकर रोष प्रदर्शन करते हुए विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।

मीटिंग के उपरांत पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए प्रांतीय उपाध्यक्ष प्रभजोत सिंह बल्ल अमृतसर और मनप्रीत सिंह ने संयुक्त रूप में बताया कि पूरे पंजाब के कम्प्यूटर अध्यापक गत कई वर्षों से अपनी जायज मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं परन्तु पंजाब सरकार इस तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है।
 
उन्होंने कहा कि यदि समय रहते पंजाब सरकार ने उनको शिक्षा विभाग में शामिल करने के साथ-साथ उनकी बाकी सभी जायज मांगों को न माना तो वे सड़कों पर उतरने के लिए विवश होंगे जिसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार के साथ-साथ शिक्षा विभाग की होगी। 
 
बल्ल ने बताया कि गत समय दौरान शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा उनको एनुअल इंक्रीमैंट देने का पत्र जारी कर दिया गया था जिसको मुख्य अध्यापकों को भेजते हुए समूह कम्प्यूटर अध्यापक को वार्षिक तरक्की देते हुए वेतन में वृद्धि करने के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश जारी किए गए थे।
 
इन निर्देशों की पालना करते हुए पंजाब के सभी स्कूलों के मुख्य अध्यापकों ने कम्प्यूटर अध्यापकों के वेतनों में वृद्धि कर दी थी परन्तु गत दिवस जारी हुए वेतन में अधिकांश जिलों के कम्प्यूटर अध्यापकों को सिर्फ अक्तूबर महीने के वेतन में इंक्रीमैंट मिला है, जबकि नवंबर और दिसंबर महीनों का वेतन पुराने हिसाब के साथ बिना किसी वृद्धि के ही जारी हुआ है, वहीं वेतन में महंगाई भत्ते की दर 100 फीसदी होनी चाहिए, जो कि बाकी कर्मचारियों को मिल रहा है, की जगह कई जिलों के कम्प्यूटर अध्यापकों को 90 फीसदी की पुरानी दर पर ही महंगाई भत्ता दिया गया है। 
 
यही नहीं दिसंबर 2010 में किए गए नोटिफिकेशन अनुसार कम्प्यूटर अध्यापकों को 300 रुपए मोबाइल भत्ता, लेकिन कुछ जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों की मनमर्जी के चलते कम्प्यूटर अध्यापकों को सिर्फ  250 रुपए मोबाइल भत्ता दिया जा रहा है जो सरासर अन्याय है। 
 
इस अवसर पर यूनियन के प्रांतीय सचिव रणजीत सिंह होशियारपुर ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के 7000 कम्प्यूटर अध्यापकों के साथ हर जगह पक्षपात करती है। उन्होंने बताया कि जहां पंजाब सरकार के बाकी कर्मचारियों को बिना किसी देरी के सभी लाभ मिल जाते हैं, वहीं राज्य के कम्प्यूटर अध्यापकों को अपने वेतन के लिए भी इंतजार करना पड़ता है। 
 
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के साथ-साथ संबंधित अधिकारी उनको जान-बूझ कर परेशान करते हैं जिसके चलते उनको आॢथक तंगी साथ-साथ भारी मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार ने अब भी उनकी जायज मांगें न मानीं व उनको बनते हक न दिए तो वे राज्य स्तरीय संघर्ष का ऐलान कर देंगे जिसके अंतर्गत जहां पंजाब के विभिन्न शहरों में रोष प्रदर्शन किया जाएगा, वहीं धरने पर बैठने से भी गुरेज नहीं किया जाएगा। 
 
इस अवसर पर मनप्रीत सिंह, ध्यान सिंह, सुखविन्दर मंडोली, ज्ञान सिंह, प्रगट सिंह, गुरजंट सिंह, रणजीत सिंह, मनीषा, दविन्दर सिंह, मनमोहण सिंह, सुखविन्दर मोहाली, रमेश ककराला, दविन्दर पाठक, सुखबीर विर्दी, जगदीप सिंह, सतविन्दर सिंह, जीवन ज्योति आदि अध्यापक उपस्थित थे। 
 
क्या हैं कम्प्यूटर अध्यापकों की मांगें  
 
-सभी कम्प्यूटर अध्यापकों को बिना किसी देरी शिक्षा विभाग में शामिल किया जाए।
-कम्प्यूटर अध्यापकों को बनता ग्रेड पे दिया जाए।
-सारे जिलों में वेतन तर्कसंगत बनाया जाए। 
-सीनियरता सूची बनाई जाए।
-अनुबंध आधार (कांट्रैक्ट) पर काम कर रहे कम्प्यूटर अध्यापकों को बेसिक पे के बराबर वेतन दिया जाए।
-अनुबंध आधार (कांट्रैक्ट) पर काम कर रहे कम्प्यूटर अध्यापकों को समय पर रैगुलर आर्डर दिए जाएं।
-वार्षिक तरक्की का बकाया बिना देरी जारी किया जाए।

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