‘अनाथ’ हुआ लोक सम्पर्क विभाग

Sunday, Feb 01, 2015 - 12:28 AM (IST)

फिरोजपुर (कुमार): किसी भी सरकार की सफलता और उसकी नीतियों को घर-घर पहुंचाने में लोक सम्पर्क विभाग की विशेष अहमियत होती है और अगर गत कुछ सालों की ओर ध्यान दें तो पता चलता है कि लोक सम्पर्क विभाग में जिला स्तर पर पूरा स्टाफ होता था और जिला लोक सम्पर्क अफसर को खर्च करने के लिए पूरा बजट मिलता था और सरकार हर जिले की जिला लोक सम्पर्क अफसर से फीडबैक लिया करती थी और मुख्यमंत्री, लोक सम्पर्क मंत्री तथा डायरैक्टर लोक सम्पर्क विभाग पंजाब उसी फीडबैक के आधार पर आगे की योजना बताया करते थे और सरकारें लोगों में अपना अच्छा प्रभाव छोड़ती थी।
 
जिला लोक सम्पर्क अफसर फिरोजपुर के दफ्तर में कभी ड्रामा यूनिट और सिनेमा यूनिट हुआ करता था जो मुख्यमंत्री, मंत्रियों आदि की रैलियों में उनके पहुंचने से पहले लोगों के सरकार की प्राप्तियों से अवगत करवाते थे, मगर जैसे-जैसे ड्रामा यूनिट और सिनेमा यूनिट के कर्मचारी रिटायर होते गए, वैसे-वैसे ये यूनिट बंद होते रहे।
 
जिला फिरोजपुर लोक सम्पर्क दफ्तर भी आज नाम का ही दफ्तर है। ऐसे लगता है कि यह विभाग आजकल अनाथ हो गया है। स्थानीय लोक सम्पर्क दफ्तर में गत कई महीनों से जिला लोक सम्पर्क अफसर की पोस्ट खाली थी और 2 दिन पहले अमरीक सिंह को फाजिल्का से बदल कर फिरोजपुर का जिला लोक सम्पर्क अफसर लगाया गया है जिन्हें 2 दिन के लिए फाजिल्का जिला लोक सम्पर्क अफसर का चार्ज भी दिया गया है। आज भी फिरोजपुर के जिला लोक सम्पर्क दफ्तर में ए.पी.आर.ओ., सीनियर असिस्टैंट, अकाऊंटैंट आदि की पोस्टें खाली पड़ी हैं।
 
जानकारी के अनुसार जिला लोक सम्पर्क अफसर दफ्तर का चौकीदार प्रैस फोटोग्राफर का काम कर रहा है और दफ्तर के कर्मचारी कम होने के कारण पत्रकारों और सरकार के बीच का अंतर बढ़ रहा है और पत्रकार सरकार की नीतियों को घर-घर पहुंचाने की जगह सरकार की खिंचाई करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। 
 
बादल सरकार ने जिला लोक सम्पर्क विभाग की हालत इस कदर खस्ता कर दी है कि स्थानीय दफ्तर को गत करीब 6-7 महीनों से सरकार द्वारा न तो टैलीफोन के बिल का और न ही दफ्तर के बिजली बिल का कोई बजट भेजा गया और यहां तक कि डी.पी.आर.ओ. दफ्तर में लगा टैलीफोन भी कटवा दिया गया है और यहां तक कि पिछले काफी समय से इस दफ्तर को ट्रैवलिंग अलाऊंस तक नहीं भेजा गया।
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