स्वाइन फ्लू के इलाज के दावे रह गए धरे के धरे

Wednesday, Jan 28, 2015 - 01:37 AM (IST)

अमृतसर(दलजीत): मैडीकल कालेज अधीन चलने वाले गुरु नानक देव अस्पताल में स्वाइन फ्लू के इलाज संबंधी किए जा रहे दावे धरे के धरे रह गए। स्वाइन फ्लू से पीड़ित महिला इलाज के लिए एक घंटा अस्पताल की एमरजैंसी के बाहर स्ट्रैचर पर पड़ी रही लेकिन किसी भी डाक्टर को महिला पर तरस नहीं आया।

एमरजैंसी में तैनात डाक्टर जहां स्वाइन फ्लू से अपना बचाव करते रहे, वहीं मरीज के परिवार के सदस्यों ने आइसोलेशन वार्ड का ताला तोड़ कर मरीज को अंदर ले जाकर इलाज शुरु करवाया जिसकी कुछ समय बाद मौत हो गई। जानकारी के अनुसार सुरजीत कौर (50) गली नंबर-2 दशमेश नगर तरनतारन रोड की रहने वाली थी, पिछले कुछ दिनों से सुरजीत कौर की हालत ठीक न होने के कारण उसके परिवार के सदस्यों ने उसे 21 जनवरी को शूर अस्पताल दाखिल करवाया। सेहत विभाग द्वारा महिला के लिए गए ब्लड सैंपल से मरीज को स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि हुई। शूर अस्पताल से मरीज को शाम के समय मैडीकल कालेज के अधीन चलने वाले गुरु नानक देव अस्पताल में लाया गया। अस्पताल की एमरजैंसी के बाहर मरीज एक घंटा स्ट्रैचर पर पड़ी रही। 
 
मरीज के परिवार के सदस्य जब एमरजैंसी मैडीकल अधिकारी के पास गए तो उन्होंने भी आइसोलेशन वार्ड संबंधी अनभिज्ञता प्रकट की। परिवार के सदस्यों ने मरीज की जान बचाने के लिए इधर-ऊधर कई फोन किए जिसके बाद मरीज को आइसोलेशन वार्ड में भेजा गया। एमरजैंसी के बाहर स्वाइन फ्लू का मरीज स्ट्रैचर पर पड़े होने की सूचना जब जूनियर डाक्टरों को मिली तो वे अपने मुंह- सिर ढांपते दिखाई दिए। एमरजैंसी में सर्जरी व मैडिसिन के जूनियर डाक्टर मौजूद थे, लेकिन किसी भी डाक्टर ने मरीज की हालत पर तरस नहीं खाया। 
 
परिवार के सदस्य जब मरीज को आइसोलेशन वार्ड में लेकर गए तो वहां भी ताला लगा हुआ था। ताले की चाबी न मिलने पर परिवार के सदस्यों को खुद ताला तोडऩा पड़ा। आइसोलेशन वार्ड के कमरे में आक्सीजन का प्रबंध न होने के कारण मरीज को पहले वाले कमरे में ले जाया गया। काफी समय खराब होने के कारण मरीज की शाम 6 बजे मौत हो गई। मरीज की मौत के बाद सावधानीवश मरीज का शव मैडीकल कालेज में रखा गया जिसके बाद मृतका के परिवार के सदस्यों ने विशेष किट पहन कर सुरजीत कौर का आज संस्कार कर दिया। 
 
मैडीकल शिक्षा व खोज विभाग के मंत्री अनिल जोशी के गृह जिले में पड़ते इस अस्पताल में समय-समय पर कई लापरवाहियां बरती गई हैं लेकिन मंत्री साहिब अन्य कार्यों के अलावा अस्पताल में कमियों को सुधरने के लिए गंभीर होते नहीं दिखाई दे रहे हैं। राष्ट्रवादी शिव सेना के चेयरमैन जय गोपाल लाली ने कहा कि उनकी नजरों के सामने मरीज तड़पता रहा, लेकिन किसी डाक्टर ने मरीज की सुध नहीं ली। मरीज को अगर समय पर इलाज मिल जाता तो शायद उसकी जान बच सकती थी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में जिन डाक्टरों ने लापरवाही की है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
Advertising